क्या चाचा और भतीजा फिर आपने सामने होंगे? चुनाव प्रचार शुरू करने के मामले में तो ऐसा ही हो गया. भतीजा अखिलेश यादव आज कानपुर से विजय यात्रा शुरू कर रहे हैं तो चाचा शिवपाल यादव वृंदावन से सामाजिक परिवर्तन यात्रा पर निकल रहे हैं. यात्रा पर निकलने से पहले शिवपाल ने बांके बिहारी मंदिर में पूजा पाठ किया. वहीं, अखिलेश यादव ने दिल्ली जाकर अपने पिता मुलायम सिंह यादव का पहले आशीर्वाद लिया. लेकिन जैसा मुलायम सिंह चाहते हैं वैसा नहीं हो पाया है. शिवपाल और अखिलेश के बाद समझौता हो जाए, मुलायम ने कई बार प्रयास किया पर अब तक बात नहीं बन पाई है. आज के दिन ही जब चाचा और भतीजा रथयात्रा पर निकले हैं तो सवाल उठ रहे हैं कि क्या अब चुनाव में भी दोनों आमने सामने होंगे.


समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव आज से कानपुर से विजय यात्रा पर निकल रहे हैं. इसे पार्टी के चुनाव अभियान का श्री गणेश माना जा रहा है. शिवपाल यादव की रथयात्रा को भी प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के चुनाव अभियान की शुरुआत बताया जा रहा है. लंबे समय से इस बात की चर्चा चल रही थी कि दोनों पार्टियों में चुनाव को लेकर गठबंधन हो जाएगा. लेकिन, अखिलेश और शिवपाल तो अब तक बातचीत के लिए भी राज़ी नहीं हुए हैं. पिछले विधानसभा चुनाव में मुलायम परिवार में कलह के कारण समाजवादी पार्टी की ज़बरदस्त हार हुई थी. शिवपाल यादव ने अलग होकर नई पार्टी बना ली थी. उन्हें कोई ख़ास फ़ायदा तो नहीं हुआ. लेकिन शिवपाल और अखिलेश के अलग अलग लड़ने से दोनों को बहुत नुक़सान हुआ. शिवपाल की पार्टी के कारण लोकसभा चुनाव में रामगोपाल यादव के बेटे चुनाव हार गए.



ऐसा माना जा रहा है कि इटावा, मैनपुरी, फ़िरोज़ाबाद, आगरा, बदायूं और औरैया जैसे ज़िलों में शिवपाल यादव का अब भी राजनैतिक दबदबा बना हुआ है. अगर समाजवादी पार्टी ने उनसे गठबंधन नहीं किया तो फिर अखिलेश को नुक़सान हो सकता है. सूत्रों के मुताबिक़ शिवपाल चाहते हैं कि उनके बेटे आदित्य और उनके समर्थकों को टिकट मिल जाए. अखिलेश यादव इतनी सीटें देने को तैयार नहीं है. दोनों के रिश्तों में इतनी कड़वाहट है कि मिठास के हर प्रयास अब तक फेल रहे हैं.


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