पटनाः बिहार के गोपालगंज में सारण मुख्य तटबंध तीन जगहों पर टूटने से स्थिति भयावह हो गयी है. मांझा प्रखंड के पुरैना, बरौली प्रखंड के देवापुर और बैकुंठपुर के पुरैना में तटबंध टूटने से दर्जनों गांव प्रभावित हो गये हैं. बल्कि लगातार नदी का पानी नये गांव में प्रवेश कर रहा है. गांव में फंसे लोगों को सुरक्षित स्थानों पर लाया जा रहा है. चारों तरफ हहाकार मचा हुआ है.


वहीं दिल्ली से असम को जोड़नेवाली ईस्ट एंड वेस्ट कॉरिडोर यानी एनएच 28 बाधित हो गया है. बड़े वाहनों के परिचालन पर ग्रामीणों के द्वारा बैरिकेडिंग कर रोक लगा दी गयी है. वहीं तटबंध के टूटने से गोपालगंज के अलावा सीवान व छपरा के गांव भी प्रभावित होने लगे हैं.


जब यह बांध टूटा तब गंडक में करीब 4 लाख क्यूसेक पानी का बहाव था. बांध के टूटते ही लोग अपने मवेशियों को लेकर ऊंचे स्थानों पर जाने लगे हैं. ऊपर असमान से लगातार बारिश हो रही है और नीचे पानी के बहाव की वजह से लोगों की मुश्किलें दोगुनी हो गईं. उनके घरों के आसपास पानी फैलने लगा है. गुरुवार की मध्य रात्रि जैसे ही बांध टूटा वैसे ही लोगो में अफरातफरी मच गयी. उनकी समस्या है कि आखिर कोरोना काल में वे जाएं तो कहां जाए.


लोगों का कहना है कि सारण मुख्य तटबंध रात में टूट गया. जिससे देवापुर में दस हजार लोग प्रभावित हुए हैं. उन्होंने बताया कि इससे पहले भी दो बार ऐसा हो चुका है. उनका कहना है कि देवापुर गांव के साथ ही बाढ़ के कारण गोपालगंज, सिवान और सारण जिले भी प्रभावित होंगे.


गोपालगंज में यहां टूटा बांध


-मांझा प्रखंड के पुरैना में सारण मुख्य तटबंध टूटा
-मांझा प्रखंड के पुरैना गांव के पास रिंग बांध टूटा
-बरौली के देवापुर में सारण मुख्य तटबंध टूटा
-बरौली प्रखंड के देवापुर में रिंग बांध टूटा
-जादोपुर के राजवाही में गाइड बांध टूटा
-बैकुंठपुर प्रखंड के पुरैना में सारण मुख्य बांध टूटा


इसे भी देखेंः
जम्मू-कश्मीर: पाकिस्तान ने कुपवाड़ा में तोड़ा सीजफायर, गोलाबारी में महिला घायल


सोनू सूद और स्पाइस जेट की साझा पहल, किर्गिस्तान में फंसे 1500 भारतीय छात्रों को मिली मदद