यौन उत्पीड़न मामले में चीफ जस्टिस को क्लीन चिट, आतंरिक जांच कमेटी ने आरोपों को निराधार पाया
जांच के दौरान चीफ जस्टिस खुद जांच कमेटी के सामने पेश हुए थे, आरोप लगाने वाली महिला ने जांच समिति के समक्ष पेश होने से इनकार कर दिया था.
![यौन उत्पीड़न मामले में चीफ जस्टिस को क्लीन चिट, आतंरिक जांच कमेटी ने आरोपों को निराधार पाया In-House committee finds no substance in the allegations by ex-SC woman employee against CJI यौन उत्पीड़न मामले में चीफ जस्टिस को क्लीन चिट, आतंरिक जांच कमेटी ने आरोपों को निराधार पाया](https://static.abplive.com/wp-content/uploads/sites/2/2019/04/24173550/ranjan-gogoi.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
नई दिल्ली: चीफ जस्टिस रंजन गोगोई के खिलाफ लगाए यौन उत्पीड़न के आरोपों को तीन जजों की इन हाउस कमेटी ने खारिज कर दिया है. कमेटी ने कहा कि आरोपों की पुष्टि नहीं हुई, साथ ही कमेटी को आरोपों का कोई आधार भी नहीं मिला. तीन जजों की इस कमेटी में जस्टिस एस ए बोबडे, एन वी रमना और इंदिरा बनर्जी शामिल थीं.
सुप्रीम कोर्ट की पूर्व कर्मचारी ने चीफ जस्टिस पर यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए थे. सुप्रीम कोर्ट के मौजूदा जजों में जस्टिस बोबडे वरिष्ठता के हिसाब से दूसरे और रमना तीसरे नंबर के जज हैं. जांच के दौरान चीफ जस्टिस खुद जांच कमेटी के सामने पेश हुए थे. आरोप लगाने वाली महिला ने जांच समिति के समक्ष पेश होने से इनकार कर दिया था.
बता दें कि इसी मामले में एक वकील उत्सव बैंस ने बड़ी साजिश का दावा किया था. कोर्ट ने इसके बाद सीबीआई, आईबी और दिल्ली पुलिस के प्रमुख को पेश होने के लिए भी कहा था. हालांकि कोर्ट ने कहा था कि यह कोई जांच नहीं है. हम इन अधिकारियों से गोपनीय मुलाकात कर रहे हैं. हम नहीं चाहते कि कोई भी साक्ष्य सार्वजनिक हो. बैंस ने दावा किया था कि यौन उत्पीड़न के मामले में चीफ जस्टिस को फंसाने की साजिश की गयी है. वकील ने यह भी आरोप लगाया कि ऐसे कुछ व्यक्ति हैं जो अनुरूप फैसलों की व्यवस्था करते हैं.
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