कंधार हाईजैकिंग के दौरान जसवंत सिंह लाल सूटकेस में क्या लेकर गए थे? ये बात आज भी है राज, कांग्रेस ने किया था ये दावा
Kandahar Hijack: कंधार हाईजैक की घटना को 25 साल का समय हो चुका है. इसी घटना से जुड़ी एक लाल ब्रीफकेस की मिस्ट्री है जो अभी तक सुलझ नहीं पाई है.
Red Suitcase Mystery: कुछ राज हमेशा राज ही रहते हैं! 1999 में इंडियन एयरलाइंस की फ्लाइट IC 814 अपहरण से जुड़े सभी सवालों के जवाब 25 साल बाद भी नहीं मिल पाए हैं. कई पहलू जो अभी भी रहस्य में डूबे हुए हैं, उनमें लाल रंग के सूटकेस में रखी चीजें भी शामिल हैं. ये लाल सूटकेस उस वक्त के विदेश मंत्री जसवंत सिंह अपने साथ लेकर गए थे.
दरअसल, कंधार हाईजैक की कहानी एक बार फिर से भारतीयों के सामने फिर से आई है. इस घटना को लेकर एक वेब सीरीज आई है IC 814- द कंधार हाईजैक. इसे अनुभव सिन्हा ने बनाया है और नेटफ्लिक्स पर स्ट्रीम हो रही है. सीरीज को लेकर कई विवाद भी सामने आए. मगर यहां पर उस लाल सूटकेस की मिस्ट्री पर चर्चा कर रहे हैं.
क्या है लाल सूटकेस की पहेली?
24 दिसंबर 1999 को नेपाल के काठमांडू से दिल्ली आ रही इंडियन एयरलाइन्स की फ्लाइट संख्या आईसी 814 को आतंकवादियों ने हाईजैक कर लिया था. इस फ्लाइट को अफगानिस्तान के कंधार ले जाया गया. यात्रियों को छोड़ने के बदले ने आतंकियों ने भारत सरकार से 36 आतंकवादियों की रिहाई और 200 मिलियन अमेरिकी डॉलर की डिमांड रखी.
एक हफ्ते तक चले नेगोशिएशन के बाद भारत सरकार तीन आतंकियों को छोड़ने पर राजी हो गई. तत्कालीन विदेश मंत्री जसवंत सिंह इन आतंकियों के साथ एक लाल रंग के सूटकेस के साथ कंधार के लिए रवाना हुए. हालांकि ये अभी भी एक अबूझ पहेली है कि उस सूटकेस में क्या था?
कांग्रेस नेता ने क्या किया था दावा?
साल 2006 में कांग्रेस सांसद मधुसूदन मिस्त्री ने लोकसभा में दावा किया था कि जसवंत सिंह उस सूटकेस में 200 मिलियन अमेरिकी डॉलर लेकर गए थे, जो फिरौती की रकम थी. मिस्त्री ने सवाल उठाया कि सिंह को तीन आतंकवादियों के साथ कंधार जाने की क्या जरूरत थी. कांग्रेस की ज्वाइंट पार्लियामेंट्री कमिटी ने इसकी जांच कराने की मांग की थी.
कांग्रेस के दावे को जसवंत सिंह ने किया खारिज
जसवंत सिंह ने अपनी किताब 'इन सर्विस ऑफ इमर्जेंट इंडिया-ए कॉल टू ऑनर' में इस पर कुछ रोशनी डालने की कोशिश की. जसवंत सिंह ने अपनी किताब में कहा है कि सरकार ने अपहरणकर्ताओं की 200 मिलियन डॉलर की फिरौती की मांग को अस्वीकार कर दिया था. वो किताब में लिखते हैं, “आतंकियों को रिहा करने के बाद हाईजैकर्स ने पैसेंजर्स को छोड़ दिया. उन्हें दूसरे प्लेन में भारत रवाना कर दिया गया.”
उन्होंने आगे कहा, “आईसी 814 उस दिन कंधार से रवाना नहीं हो पाया था. इसी दौरान मुझे खबर मिली की प्लेन में एक विस्फोटक रखा है जो आधी रात को ब्लास्ट हो सकता है. वहीं, जहाज के कप्तान ने कहा कि तालिबानी प्लेन को जाने देने के लिए तैयार नहीं हैं. वो कह रहे हैं कि कारगो में एक लाल रंग का बैग रखा है जो हाईजैकर्स का है. इसके बाद कारगो में रखे सभी बैग उन लोगों को दिखाए गए. इन लोगों ने एक बैग की पहचान की और उसे अपने साथ ले गए.”
एक काले बैग को लेकर भी किया गया ये दावा
वहीं, न्यूज18 की रिपोर्ट में सीनियर जर्नलिस्ट सुनेत्रा चौधरी की 2019 की एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए बताया कि कंधार जाने वाले हवाई जहाज में जसवंत सिंह के अलावा सीबीआई के पूर्व डायरेक्टर एपी सिंह, इंडियन एयरलाइन्स के तत्कालीन चीफ विजिलेंस ऑफिसर रंजीत नारायण, एसपीजी ऑपरेशन्स के इंचार्ज सतीश झा और सुरेंद्र पांडे भी साथ में थे. इसके अलावा एसपीडी कमांडो का एक दस्ता भी साथ था.
सुनेत्रा ने दावा किया कि इंडियन एयरलाइंस के अधिकारियों के हाथ में एक काला बैग था जिसमें एक लाख डॉलर थे. इस पैसे का इस्तेमाल कंधार में प्लेन के रिफ्यूलिंग में इस्तेमाल होना था. इंडियन एयरलाइन्स ने अंदाजा लगाया था कि आईसी 814 की रिफ्यूलिंग में लगभग 40 हजार डॉलर खर्च होंगे लेकिन बाकी के पैसे बफर अमाउंट के तौर पर रखे थे.
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