Court Order: कर्नाटक में तंबाकू खाने वालों की पॉकेट पर पड़ सकती है मार, जानिए हाई कोर्ट ने क्या कहा
Court Decision On Tobacco: कर्नाटक हाई कोर्ट ने तंबाकू से बने उत्पादों को लेकर कहा कि तंबाकू और तंबाकू से बने उत्पादों पर केंद्र सरकार केंद्रीय माल और सेवा कर (CGST) और उत्पाद शुल्क लगा सकती है.
Karnataka High Court on Tobacco Decision: तंबाकू और तंबाकू से बने उत्पादों का सेवन करना मानव शरीर के लिए हमेशा हानिकारक साबित होता है. इसके इस्तेमाल को कम करने के लिए सरकार कानून और नियम में बदलाव करते रहती है. तंबाकू और तंबाकू से बने उत्पादों की बात करें तो इसमें सिगरेट, गुटखा, खैनी होती है. ये सारी चीजें नुकसान पहुंचाती है.
कर्नाटक हाई कोर्ट का फैसला
कर्नाटक हाई कोर्ट ने तंबाकू से बने उत्पादों को लेकर कहा कि तंबाकू और तंबाकू से बने उत्पादों पर केंद्र सरकार केंद्रीय माल और सेवा कर (CGST) और उत्पाद शुल्क लगा सकती है. NCCD एक प्रकार का उत्पाद शुल्क है, जिसे केंद्रीय उत्पाद शुल्क एक्ट, 1944 की चौथी अनुसूची के प्रावधानों के तहत उत्पाद शुल्क से स्वतंत्र रूप से लगाया जा सकता है. अदालत ने टैक्स लगाने वाले नियम को चुनौती देने वाली तंबाकू उत्पादों की याचिकाएं खारिज कर दी है.
फैसले पर जज का बयान
जज MI अरुण ने हाल में फैसले में कहा, ‘‘तंबाकू और तंबाकू उत्पादों पर उत्पाद शुल्क लगाना सरकारी नीति का विषय है और इस मामले में अदालत हस्तक्षेप नहीं करने वाली. CGST तंबाकू और तंबाकू उत्पादों पर उत्पाद शुल्क लगाने पर विचार करता है, इसके अलावा उन पर CGST के नियमों के तहत टैक्स लगाया जाता है.’’
पहली भी हुई थी मामले पर सुनवाई
हाई कोर्ट की धारवाड़ पीठ केंद्रीय वित्त मंत्रालय और CGST तथा केंद्रीय उत्पाद शुल्क के संयुक्त आयुक्त के आदेश के खिलाफ तंबाकू उत्पादों की याचिका पर सुनवाई कर रही थी. संयुक्त आयुक्त ने 25 मार्च 2021 को बेलागावी क्षेत्र में बनने और बिकने वाले तंबाकू उत्पादों पर 0.5 प्रतिशत उत्पाद शुल्क तथा राष्ट्रीय आपदा आकस्मिक शुल्क (NCCD) लगाने का आदेश जारी किया था.
CGST आने से पहले तक तंबाकू उत्पादों पर केंद्रीय उत्पाद शुल्क कानून के तहत टैक्स लगाया जाता था. अदालत ने कहा कि केंद्रीय उत्पाद शुल्क एक्ट भले खत्म कर दिया गया है लेकिन तंबाकू एवं तंबाकू उत्पादों पर CGST कानून, 2017 के नियमों के तहत टैक्स लगाने के अलावा उत्पाद शुल्क भी लगाया जा सकता है.
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