मुंबई: खरीद मूल्य में बढ़ोत्तरी की मांग कर रहे प्रदर्शनकारियों ने महाराष्ट्र के कई जिलों में आज दूध के टैंकरों का आवागमन बाधित कर दिया, जबकि मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने आंदोलन को अस्वीकार करते हुए कहा कि सरकार किसी भी मुद्दे पर बातचीत के लिये तैयार है. पाटीदार कोटा आंदोलन के नेता हार्दिक पटेल ने भी इस प्रदर्शन के अगुवा स्वाभिमानी शेतकारी संगठन (एसएसएस) के प्रमुख राजू शेट्टी को अपना समर्थन जाहिर किया है.
आंदोलनकारियों ने पुणे, नासिक, अहमदनगर, बुलढाना, जलगांव और अन्य जगहों में दूध के टैंकरों का आवागमन बाधित किया और कुछ टैंकरों का दूध सड़कों पर गिरा दिया. संगठन के एक कार्यकर्ता ने बताया कि पुणे-सोलापुर मार्ग पर दूध के छह टैंकरों की आवाजाही रोकी गयी और कुछ जगहों पर दूध के पैकेट फेंके गये. उन्होंने बताया कि संगठन के सदस्यों ने पुणे में कई जगहों पर मुफ्त में दूध बांटा.
प्रदर्शन का प्रभाव पालघर जिले से सटे वसई और विरार नगरों में अमूल दुग्ध संग्रह केंद्रों पर भी देखा गया क्योंकि सहकारी संस्था ने आज किसानों से दुग्ध संग्रह नहीं करने का फैसला किया. अमूल मुंबई में दुग्ध आपूर्ति करने वाली एकमात्र सबसे बड़ी संस्था है.
राज्य सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि अगर अमूल की दुग्ध आपूर्ति प्रभावित होती है तो इसका प्रभाव उपभोक्ताओं पर महसूस किया जायेगा. डेयरी विकास विभाग के एक अधिकारी ने इससे पहले बताया था कि मुंबई में हर दिन कम से कम 55 लाख दूध के पैकेट बेचे जाते हैं. गुजरात स्थित अमूल की बाजार में सबसे अधिक 30 प्रतिशत हिस्सेदारी है. इसके बाद कोल्हापुर के गोकुल का स्थान आता है.
कई किसान संगठनों ने दूध का मूल्य पांच रुपये प्रति लीटर तक बढ़ाने की मांग की है और मुंबई और पुणे में दूध की आपूर्ति बंद करने का फैसला किया है. राज्य सरकार सहित डेयरी संगठनों ने उनकी इस मांग का विरोध किया है. स्वाभिमानी शेतकरी संगठन के प्रमुख राजू शेट्टी ने कहा कि वे आंदोलन करने को मजबूर हुए क्योंकि राज्य सरकार ने उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दिया.
उन्होंने कहा कि हार्दिक पटेल ने आंदोलन को अपना समर्थन दिया है और आश्वस्त किया है कि उनके समर्थक गुजरात से महाराष्ट्र आने वाले दूध के ट्रकों की आवाजाही रोकने की कोशिश करेंगे. शेट्टी ने कहा, ‘‘दूध की बर्बादी कर हम खुश नहीं हैं लेकिन सरकार डेयरियों का बचाव कर रही है और किसानों की चिंताओं पर विचार नहीं कर रही है.’’
कोल्हापुर से सांसद ने कहा कि अगर राज्य सरकार उनकी मांगों को पूरा करने में नाकाम रही तो आंदोलन और तेज होगा. मुख्यमंत्री ने नागपुर में पत्रकारों से कहा, ‘‘बातचीत के लिये हमारे दरवाजे हमेशा से खुले हैं. सरकार का किसी मुद्दे पर कोई अड़ियल रवैया नहीं है लेकिन जिस तरह से मौजूदा प्रदर्शन हो रहा है, वह सही नहीं है.’’ फडणवीस ने दुग्ध उत्पादकों को सीधे-सीधे सब्सिडी देने के विचार का भी समर्थन नहीं किया. विपक्षी कांग्रेस और एनसीपी ने भी राज्य विधानसभा में दुग्ध आपूर्तिकर्ताओं के प्रदर्शन का मुद्दा उठाया और इसके ऊपर हंगामा किया.