कुछ कहानियां फिल्मी पर्दे पर सुपरहिट रही हैं खासकर अगर वो भारत और पाकिस्तान से जुड़ी हों. हिना,गदर, वीर-जारा जैसी तमाम फिल्मों के किरदार आज भी याद किए जाते हैं. हालांकि इन सब में आलिया भट्ट की फिल्म राजी की कहानी कुछ अलग थी. 


देश की राजधानी दिल्ली से 65 किलोमीटर दूर ग्रेटर नोएडा के एक रबुपुरा गांव में इस समय मीडिया का जमावड़ा है. तेज बारिश में रिपोर्टर पाकिस्तान से आई सीमा हैदर से बात करने के लिए बेताब हैं. सीमा हैदर, जिसने मोहब्बत में सरहद ही नहीं हदें भी पार कर डाली हैं.


इसे कहानी कहें या साजिश, इसकी शुरुआत रबुपुरा से 1112 किलोमीटर दूर पाकिस्तान के शहर कराची से होती है जब भारत में मोबाइल पर खेले जाने वाले गेम पबजी का जादू बच्चों में सिर चढ़कर बोल रहा था. कराची की एक तंग गली में रहने वाली सीमा इस खेल के दौरान ही नोएडा के रहने वाले सचिन के संपर्क में आई.


सीमा के मुताबिक वो एक गरीब परिवार से है और अपने चार बच्चों के साथ बहुत ही मुश्किल से गुजर-बसर कर पा रही थी. उनका पति गुलाम हैदर इस समय सऊदी अरब में रहता है.  सीमा का कहना है कि उसके पति गुलाम हैदर ने उसको मोबाइल पर तलाक दे दिया है. अब उसका गुलाम के साथ कोई रिश्ता नहीं है.


ऑनलाइन गेम खेलने के दौरान ही सचिन और सीमा आपस में बात करने लगे. सीमा के मुताबिक उसे अब सचिन से बात करने की आदत लग चुकी थी. हजारों की किलोमीटर दूरी कैसे मिटे इसके लिए दोनों ही प्लान बनाने लगे. बातचीत के दौरान दोनों ने बताया कि इनकी पहली मुलाकात नेपाल में हुई थी. जहां दोनों 7 दिन तक एक होटल में रुके और वहीं पर शादी भी कर ली. इसके बाद सीमा वापस पाकिस्तान लौट गई. 


अब तक सचिन और सीमा ने दोनों ने साथ जिंदगी बिताने का फैसला कर लिया था, लेकिन ये इतना आसान नहीं था. सामने धर्म की दीवार और दो कट्टर दुश्मन देशों की सरहद थी. सीमा के मुताबिक वह सिर्फ 5वीं तक पढ़ी है और उसने जिस सफर पर चलने का फैसला किया वो आसान नहीं था.


उसने बिना पासपोर्ट जाने भारत जाने का फैसला किया वो भी अकेले नहीं अपने चारों बच्चों के साथ जिसमें उसकी बड़ी बेटी भी शामिल थी. सीमा के मुताबिक उसने अपना घर बेचा और पैसे इकट्ठा किए. कराची से उसने शारजाह तक की हवाई जहाज का टिकट लिया और चुपचाप अपने बच्चों के साथ कराची से निकल गई. इसके बाद उसने शारजाह से नेपाल की राजधानी काठमांडू तक फ्लाइट से सफर किया.


काठमांडू से उसने पोखरा तक 400 किलोमीटर तक का सफर बस से पूरा किया जिसमें उसे 28 घंटे लगे. इस दौरान उसकी बेटी की तबियत भी खराब हो गई और बस में उसे उल्टियां भी शुरू हो गईं. पोखरा पहुंचने के बाद उसने फिर बस बदली और भारत की सीमा पर सोनौली तक पहुंच गई. 


यहां पर उसको सुरक्षाबलों की पूछताछ का भी सामना करना पड़ा लेकिन चार बच्चों की मां सीमा सभी सवालों के जवाब बड़े ही आत्मविश्वास से दिए जिससे किसी को शक नहीं हुआ. सुरक्षाबलों ने उससे पहचान पत्र मांगा जिस पर उसने खो जाने की बात कही. इसके बाद बच्चों के बारे में पूछा गया. इसी तरह उसने सोनौली से दिल्ली तक का भी सफर पूरा कर लिया. 


सीमा इस दौरान सचिन के साथ लगातार संपर्क में रही. सचिन ने नोएडा के पास उसे एक घर में छिपा दिया. सचिन ने जिस घर में कमरा किराए पर लिया था उसके मालिक को उसने सीमा को अपनी पत्नी बताया था. सचिन ने अपने सीमा से रिश्ते की बात अपने पिता और परिजनों से बताई तो सबके होश उड़ गए. 


 




(फोटो क्रेडिट- सोशल मीडिया)


 


पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक सचिन ने अपने परिवार से सीमा की मुलाकात एक जंगल में करवाई और वहीं तय किया गया कि दोनों की कोर्ट में शादी करवा दी जाए. एक वकील से संपर्क किया गया और उसे पूरी बात बताई गई. पाकिस्तान महिला होने की बात जब वकील साहब को पता लगी तो उनके होश उड़ गए.


अब ये बात पुलिस तक पहुंच गई थी. इधर सचिन को भी शक हो गया था कि पुलिस यहां तक आ सकती है. सचिन ने सीमा को घर से निकाल लिया. लेकिन हरियाणा में सीमा को पकड़ लिया. पुलिस ने दोनों को अदालत में पेश कर दिया जहां से उनको जमानत मिल गई.  


अब सवाल उठता है कि क्या सीमा गुलाम हैदर सच में सिर्फ सचिन के प्यार में पाकिस्तान से नोएडा पहुंची थी या फिर वो कोई जासूस है. सचिन-सीमा की मोहब्बत ये कहानी अद्भुत है लेकिन मन में 5 सवाल भी उठते हैं. 




(फोटो क्रेडिट- सोशल मीडिया)


 


सवाल नंबर-1 जब यह मामला दुनिया के सामने आया तब जांच के दौरान पुलिस को सीमा के पास से फर्जी आधार कार्ड मिले थे. इसी आधार कार्ड को एडिट कर इसमें सीमा को सचिन का पति बताया गया था. सवाल उठता है कि जब सीमा जिस पारिवारिक पृष्ठभूमि से आती है और जिस तरह उसने नकली आधार कार्ड के साथ बिना किसी झिझक के झूठ बोलती रही वो क्या बगैर किसी ट्रेनिंग के हो सकता है?  जबकि वो खुद कहती हैं वो सिर्फ 5वीं पास हैं.


सवाल नंबर-2 पुलिस को सीमा के पास से कई मोबाइल फोन भी मिले हैं. ये मोबाइल पूरी तरह से टूटे हुए हैं. एक फोन में तो पाकिस्तान का सिम भी लगा है. ऐसे में सवाल उठता है कि सीमा को इतने सारे फोन इस्तेमाल करने की जरूरत क्यों पड़ गई थी और अगर उन्होंने इन फोन का इस्तेमाल किया भी था तो इसे तोड़ा क्यों गया? हालांकि सीमा का कहना है कि ये मोबाइल उनके बच्चों के हैं जो इन्हें कराची में इस्तेमाल करते थे.


सवाल नंबर- 3 इस लव स्टोरी में एक सवाल ये भी उठता है कि आखिर एक सामान्य सी महिला को पब्जी खेलने और उसके जरिए किसी से बात करने की समझ कहां से आई. सीमा और सचिन ने पुलिस को जो कहानी बताई है उससे ये तो साफ है कि सीमा को टेक्नोलॉजी और फोन का इस्तेमाल सही तरीके से कब और कैसे किया जाता है इसके बारे में बाखूबी पता है.


सवाल नंबर-4 पुलिस को इस बात का भी शक है कि पाकिस्तान से भारत में घुसने तक का सफर सिर्फ सचिन और सीमा अकेले नहीं बना सकते. उनके साथ इस प्लान में कोई और भी शामिल हो सकता है. हालांकि फिलहाल किसी और के शामिल होने की कोई खबर सामने नहीं आई है. 


सवाल नंबर-5 सीमा का अतीत भी उसे शक के घेरे में लाता है. दरअसल सीमा ने पुलिस को दिए बयान में बताया था कि साल 2014 में उसकी शादी हो गई थी और पति सऊदी चला गया था. सीमा ने बताया कि उसके पति से उनकी शादी जबरन करवाई गई थी और उन्होंने उसे तलाक दे दिया है, लेकिन गुलाम हैदर का कहना है कि उनके बीच में तलाक हुआ ही नहीं है. बीबीसी उर्दू की एक रिपोर्ट में सीमा के ससुर मीर जान जख़रानी ने आरोप लगाया कि उनकी बहु घर से भागते हुए सात लाख रुपये और सात तोला सोना लेकर गई है. 



(फोटो क्रेडिट- सोशल मीडिया)


अपने जासूस होने के आरोप पर क्या कहती है सीमा 


बीबीसी की एक रिपोर्ट में इन आरोपों पर सीमा कहती हैं, “मैं कोई जासूस नहीं हूं. सचिन से प्यार के चक्कर में ही मैंने घर से बाहर घूमना शुरू किया. पासपोर्ट भी बनवाए. ऐसे हमारे यहां की लड़कियों को घर से बाहर जाने की इजाजत नहीं होती."


सीमा आगे कहती हैं, 'मैं एक गरीब परिवार की लड़की हूं, ज्यादा पढ़ाई लिखाई भी नहीं की है. हां मुझे थोड़े बहुत अंग्रेजी के शब्दों का ज्ञान है. लेकिन इसका मतलब ये बिलकुल नहीं है कि मुझे इंग्लिश आती है. आप दो लाइन इंग्लिश बुलवाएंगे तो मैं तुतलाने लगूंगी.”


जाली आधार कार्ड और फोन पर सीमा ने क्या कहा 


सीमा ने बीबीसी की एक रिपोर्ट में तीन आधार कार्ड और आठ मोबाइल होने पर कहा, “मेरे पास पहले से ही पांच मोबाइल फोन थे, जिसमें एक मेरा था और तीन मेरे बच्चों का था. एक मोबाइल मेरे प्रेमी सचिन का था. मेरे बच्चे फोन चलाते हैं. इसके अलावा मेरे पास पाकिस्तान के तीन आधार कार्ड थे, जिसमें एक मेरे पिता, एक गुलाम हैदर और एक मेरा कार्ड शामिल था.”


सीमा ने कैसे लिया भारत बस जाने का फैसला  


सीमा इसी रिपोर्ट में कहती हैं कि पहली बार जब वह काठमांडू में सचिन से मिलकर पाकिस्तान वापस गई तो वहां उनका मन नहीं लग रहा था. जैसे-तैसे दो महीना बीता और सीमा ने फैसला किया कि वह हमेशा के लिए अपने बच्चों के साथ पाकिस्तान भारत में सचिन के साथ रहेगी.


सीमा बताती हैं, “मेरे पास उस वक्त बहुत ज्यादा पैसे नहीं थे. एक घर था जो मेरे नाम पर था, इस घर को मैंने 12 लाख में बेच दिया और जो पैसे मिले उससे अपने और बच्चों के लिए नेपाल का वीजा लगवाया, इस वीजा पर ही मेरा पचास हजार रुपये खर्च हो गया.”


सीमा ने बताया कि इस बार उन्होंने सोच रखा था कि वह नेपाल के रास्ते भारत में दाखिल होगी. सीमा ने 10 मई की तारीख को इसलिए चुना क्योंकि उनका मानना था कि यह तारीख उनके लिए किस्मत वाली साबित होगी, क्योंकि वह पहली बार 10 मार्च को ही नेपाल में सचिन से मिली थीं.


सीमा कहती हैं, “नेपाल में ये उनका दूसरा ट्रिप था इसलिए इस बार आना आसान था, इस बार उन्हें पहले से ही फ्लाइट में एंट्री से लेकर एग्जिट और कनेक्टिंग फ्लाइट के बारे में सब पता लग गया था. 




(फोटो क्रेडिट- सोशल मीडिया)


एसबीबी को चकमा देना आसान नहीं 


पोखरा से हर सुबह दिल्ली के लिए बस चलती है. यह सफर लगभग 28 घंटे का होता है और इस दौरान भारत-नेपाल की सरहद पड़ती है. सरहद पर सभी यात्रियों की चेकिंग की जाती है, लेकिन सीमा ने कड़ी सुरक्षा व्यवस्था को आसानी से भेद दिया.


सीमा का दावा है कि चेकिंग के दौरान सचिन ने अपना पता तो सही से लिखवा दिया था. उनसे पूछताछ भी बहुत हुई. सीमा ने कहा कि मेरे बैग की तलाशी ली गई. मेरे आई कार्ड के बारे में भी पूछा गया. लेकिन मैंने अपने बच्चों के बीमारी का हवाला देते हुए कहा कि वह जल्दी-जल्दी में गुम हो गया है. मेरे बच्चे बीमार हो गए थे, तीन दिन का सफर था. मेरी बड़ी बच्ची उल्टियां कर रही थी. मुझ पर चेकिंग करने वालों ने रहम किया.”