भले ही सुप्रीम कोर्ट की तरफ से राम मंदिर के लिए हिंदू पक्ष को भूमि का मालिकाना हक मिल गया है. कोर्ट ने विवादित भूमि पर मंदिर निर्माण के लिए ट्रस्ट गठित करने का भी समय निर्धारित कर दिया है. इसके बावजूद कुछ संगठन अपने ‘शौर्य’ प्रदर्शन को दिखाने में पीछे नहीं हैं. मामला कर्नाटक के दक्षिण कन्नड़ जिले कल्लाडका गांव का है. आरोप है कि यहां राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ के एक स्कूल में बाबरी विध्वंस का मंचन कर वीडियो बनाया गया. स्कूल में कार्यक्रम का आयोजन वार्षिक दिवस के अवसर पर किया गया था.
स्कूल में बाबरी विध्वंस का मंचन
वीडियो में छात्र बाबरी मस्जिद के पोस्टर को फाड़ते हुए दिखाई दे रहे हैं. उसके बाद छात्र उसकी जगह राम मंदिर की आकृति उकेरते हुए देखे जा सकते हैं. बैकग्राउंड में बोलो ‘श्रीराम चंद्र की जय’ के नारे की आवाज भी सुनाई दे रही है. वीडियो वायरल होने के बाद विपक्षी पार्टी ने हमला बोल दिया है. कांग्रेस ने स्कूल पदाधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है तो वहीं युवा कांग्रेस ने स्कूल प्रशासन के खिलाफ थाने में शिकायत दर्ज कराई है. कांग्रेस का कहना है कि बाबरी विध्वंस का मंचन कर स्कूल धार्मिक और सांप्रदायिक नफरत को बढ़ावा दे रहा है. शिकायत में कहा गया है कि पुलिस को मामले में स्वत: संज्ञा लेना चाहिए.
हालांकि आरएसएस से जुड़े सदस्य और स्कूल के ट्रस्टी कल्लाडका प्रभारकर भट्ट ने स्कूल का बचाव किया है. उनका कहना है कि जालियांवाला बाग की तरह ही अयोध्या की घटना ऐतिहासिक है . 6 दिसंबर को जो कुछ हुआ, उसे आप कैसे गलत कह सकते हैं? उन्होंने कहा, “बच्चे हमारा भविष्य हैं और उन्हें पता होना चाहिए कि उस दिन क्या हुआ था.” कार्यक्रम में सदानंद गौड़ा और पुडुचेरी की गवर्नर किरन बेदी भी शामिल थे.