अमृतसर: पंजाब के अमृतसर से दिल दहला देने वाली खबर आई है. अमृतसर के जोड़ा फाटक रेलवे ट्रैक पर रावण दहन का कार्यक्रम किया जा रहा था. इसी वक्त तेजी से आती हुई डीएमयू ट्रेन ने ट्रैक पर खड़े लोगों को कुचल दिया. पुलिस ने इस हादसे में 50 लोगों के मारे जाने की पुष्टी की है. लेकिन बताया जा रहा है कि ये आंकड़ा 100 के पार भी जा सकता है. अमृतसर में जिस वक्त ये हादसा हुआ उस वक्त पंजाब सरकार के मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू की पत्नी के साथ और भी बड़ी हस्तियां मौजूद थी.
4 साल में रेलवे सुरक्षा सरकार की बड़ी नाकामी!
इससे पहले भी उत्तर प्रदेश के रायबरेली के हरचंदपुर में बड़ा रेल हादसा हुआ था. दिल्ली-मालदा न्यू फरक्का एक्सप्रेस (14003) की छह बोगियां बेपटरी हो गई थी जिसमें छह लोगों की मौत हो गई. कम से कम 41 घायल हुए. रेल हादसों पर लगाम ना लगा पाने को सरकार की एक बड़ी नाकामी के तौर पर देखा जाता रहा है. भारत में लगभग 50 हजार से ज्यादा रेलवे क्रासिंग हैं इनमें से 15 हजार मानव रहित हैं. रेलवे सुरक्षा के मुद्दे पर सरकार बुरी तरह से परेशान नजर आती है.
पिछले चार में हुए बड़े रेल हादसों की फेहरिस्त कुछ इस तरह से है.
पिछले साल अगस्त में आज़मगढ़ से दिल्ली से जा रही कैफियत एक्सप्रेस की ट्रेन इंजन सहित दस डिब्बे पटरी से उतर गए. इस हादसे में कम से कम 50 लोग घायल हो गए.
30 मार्च 2017 को यूपी के महोबा में महाकौशल एक्सप्रेस ट्रेन के डिब्बे पटरी से उतर गए थे. इस हादसे में 50 से ज्यादा लोग घायल हो गए थे.
21 जनवरी 2017 को कुनेरू में जगदलपुर-भुवनेश्वर हीराखंड एक्सप्रेस ट्रेन के डिब्बे पटरी से उतर गए थे. इस भयानक हादसे में 40 लोगों की मौत हो गई थी और 68 लोग घायल हो गए थे.
28 दिसंबर 2016 को उत्तर प्रदेश में कानपुर के नजदीक अजमेर-सियालदाह एक्सप्रेस के 15 कोच पटरी से उतर गए थे. इस हादसे में 40 से ज्यादा लोग घायल हो गए थे.
20 नवंबर 2016 को उत्तर प्रदेश में कानपुर देहात के पुखरायां में इंदौर-पटना एक्सप्रेस ट्रेन के 14 डिब्बे पटरी से उतर गए थे. इस भयानक हादसे में 150 लोगों की मौत हो गई थी और 260 लोग घायल हो गए थे.
20 मार्च 2015 को उत्तर प्रदेश में रायबरेली के बछरांवा में जनता एक्सप्रेस पटरी से उतर गई थी. इस हादसे में 32 लोगों की मौत हो गई थी जबकि 150 से ज्यादा लोग घायल हो गए थे.
26 मई 2014 को यूपी के ही संत कबीर नगर में गोरखाधाम एक्सप्रेस ने एक मालगाड़ी को टक्कर मार दी थी. इस हादसे में 25 लोगों की मौत हो गई थी.
4 मई 2014 को दिवा सावंतवादी पैसेंजर ट्रेन पटरी से उतर गई थी. हादसे में 20 लोगों की मौत हो गई थी और 100 से ज्यादा लोग घायल हो गए थे.