पश्चिम बंगाल में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अपने मंत्रिमंडल का गठन कर लिया है. 43 मंत्रियों के इस मंत्रिमंडल में 24 कैबिनेट मंत्री और 19 राज्यमंत्री बनाए गए हैं. राज्यमंत्रियों में से 10 मंत्रियों को स्वतंत्र प्रभार सौंपा गया है. ममता बनर्जी ने अपने मंत्रिमंडल में 8 महिलाओं और 7 मुस्लिमों को मंत्री पद की जिम्मेदारी सौंपी है. इस बार ममता बनर्जी की जीत में मुसलमान मतदाताओं और महिलाओं की भूमिका अहम मानी जा रही है. यही वजह है कि दोनों को मंत्रिमंडल में तवज्जो दी गई है.


चुनाव न लड़ने वाले अमित मित्रा भी मंत्री बने


ममता बनर्जी की मंत्रिमंडल में उन्होंने अनुभवी लोगों के साथ नए व युवा चेहरों को भी मौका दिया है. ममता ने मंत्रिमंडल में पूर्व वित्त मंत्री अमित मित्रा को भी शामिल किया है. अमित मित्रा ने स्वास्थ्य कारणों के चलते चुनाव नहीं लड़ा था, फिर भी उन्हें मंत्री बनाया गया है. ऐसे में मित्रा को 6 महीने के भीतर विधानसभा चुनाव लड़कर विधानसभा का सदस्य बनना होगा या फिर मंत्री पद  से इस्तीफा देना होगा. मित्रा फिक्की (Federation of Indian Chambers of Commerce and Industry) के महासचिव भी रह चुके हैं.  मित्रा के अलावा ममता ने सुब्रत मुखर्जी, पार्थ चटर्जी, अरुप विश्वास, उज्जवल विश्वास, अरुप राय, चंद्रनाथ सिन्हा, ब्रात्य बसु, शशि पांजा, जावेद खान, स्वपन देवनाथ, फिरहाद हकीम, शोभनदेव चट्टोपाध्याय, साधन पांडेय, ज्योति प्रिय मल्लिक, बंकिम चंद्र हाजरा, सोमेन महापात्रा, मलय घटक, सिद्दिकुल्ला चौधरी पर एक बार फिर भरोसा जताया है.


पूर्व आईपीएस हुमायूं कबीर व पूर्व क्रिकेटर मनोज तिवारी मंत्री बने


नए चेहरों की बात की जाए तो पूर्व किक्रेटर मनोज तिवारी और पूर्व आईपीएस हुमायूं कबीर का नाम काफी चर्चित रहा है. इसके अलावा ममता मंत्रिमंडल में बंकिम हाजरा, रथीन घोष, पुलक रॉय, बिप्लव मित्र, अखिल गिरि, रत्ना दे नाग, बीर वाह हांसदा, ज्योत्सना मांडी, सिउली साहा, बुलचिकी बराईक, दिलीप मंडल, अकरुज्जमान, श्रीकांत महतो और परेश अधिकारी को नए मंत्रियों के रूप में जगह मिली है. 


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