पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की याद में पीएम मोदी ने जारी किया 100 रुपये का सिक्का
संसद भवन में आयोजित समारोह को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि वाजपेयी ने पार्टी की विचारधारा से कभी समझौता नहीं किया और हमेशा राष्ट्र हित में बोलते रहे. अटल जी की आवाज लंबे समय तक राष्ट्र की आवाज थी.
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के जन्मदिन के एक दिन पहले सोमवार को उनके सम्मान में 100 रुपये का स्मारक सिक्का जारी किया. अटल बिहारी वाजपेयी का इसी साल अगस्त में नई दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान में निधन हो गया था. अटल बिहारी वाजपेयी की याद में जारी किए गए सिक्के का वजन 35 ग्राम है. सिक्के पर वाजपेयी का चित्र बना है और उनका नाम हिंदी और अंग्रेजी में अंकित है. इस पर 1924 व 2018 भी अंकित है, जो पूर्व प्रधानमंत्री के जन्म और निधन के साल को चिन्हित करता है. सिक्के के पीछे की तरफ अशोक स्तंभ पर सिंह चतुर्भुज के साथ सत्यमेव जयते अंकित है.
संसद भवन एनेक्सी में आयोजित एक समारोह को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि वाजपेयी ने पार्टी की विचारधारा से कभी समझौता नहीं किया और हमेशा राष्ट्र हित में बोलते रहे. मोदी ने कहा, "कुछ लोगों के लिए सत्ता ऑक्सीजन है. वे इसके बिना नहीं रह सकते. अटल जी के कार्यकाल का एक लंबा भाग विपक्ष की बेंच पर गुजरा, लेकिन उन्होंने राष्ट्रीय हित में बोला और कभी भी पार्टी की विचारधारा से समझौता नहीं किया."
Atal Ji wanted democracy to be supreme.
He built the Jana Sangh but when the time came to rescue our democracy he and others went to Janata Party. Likewise, when the choice was between remaining in power or comprising on ideology, he left Janata Party and formed the BJP: PM — PMO India (@PMOIndia) December 24, 2018
अटल जी की आवाज राष्ट्र की आवाज थी- मोदी
पीएम मोदी ने कहा, "लंबे समय तक अटल जी की आवाज राष्ट्र की आवाज थी." उन्होंने कहा, "मेरा मानना है कि सत्ता में रहने के लिए दूसरी विचारधाराओं से भी निमंत्रण मिला होगा. ऐसी बातें जरूर हुई होंगी, लेकिन उन्होंने कभी समझौता नहीं किया." मोदी ने कहा, "वह उन लोगों में शामिल थे, जो देश के लिए मर सकते थे, लेकिन विचारधारा से समझौता नहीं कर सकते थे."
प्रधानमंत्री ने कहा कि वाजपेयी लोकतंत्र को सर्वोपरि मानते थे. उन्होंने जनसंघ बनाया, लेकिन जब लोकतंत्र को बचाने का समय आया तो वह अन्य के साथ जनता पार्टी में चले गए. वाजपेयी को सबसे अच्छा वक्ता बताते हुए मोदी ने कहा, "मन यह मानने को तैयार नहीं होता कि अटल जी हमारे साथ नहीं हैं. उनका समाज के सभी तबकों में सम्मान था." मोदी ने कहा कि वह मंगलवार को वाजपेयी के जन्मदिन पर उनके दिखाए रास्ते व उनकी विचारधारा के प्रति बचनबद्धता दोहराने के लिए उनके स्मारक पर जाएंगे.
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लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन, वित्तमंत्री अरुण जेटली, संस्कृति राज्य मंत्री महेश शर्मा, बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह और बीजेपी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी भी सिक्का जारी करने के कार्यक्रम में मौजूद थे. स्मारक सिक्का आम तौर पर कुछ विशेष मौकों या विशेष हस्तियों के सम्मान में जारी किया जाता है. मोदी ने कहा कि यह सिक्का पूर्व प्रधानमंत्री के प्रति सम्मान प्रदर्शित करने के लिए एक छोटा-सा प्रयास है, 'जिनका जीवन हम सभी के लिए संदेश है.