उन्होंने कहा, "इसके साथ ही यदि कोई व्यक्ति धर्म, जाति, क्षेत्र या भाषा के नाम पर कानून को हाथ में लेता है तो वह भी गलत है. एक व्यवस्था है, हम एक सभ्य समाज हैं, एक सरकार है." उपराष्ट्रपति ने कहा कि सरकार का यह कर्तव्य है कि वह कानून की देखरेख करे ताकि सभी अपने अधिकारों, अभिव्यक्ति और विचारों को लेकर सक्षम हों.
उन्होंने संस्कृति को किसी भी सभ्यता का महत्वपूर्ण चरित्र बताया. उन्होंने कहा, "विश्व का तेजी से वैश्विकरण हो रहा है हमें हमारी व्यक्तिगत संस्कृतियों के सबसे बेहतरीन पहलुओं को सुरक्षित और उसे प्रसारित करना चाहिए."