शिवसेना सांसद संजय राउत ने सुशांत सिंह राजपूत मामले पर अपना बयान दिया है. राउत ने बीजेपी पर निशाना साधा तो वहीं आदित्य ठाकरे को लेकर भी उन्होंने कई बातें कहीं हैं. राउत एक तरफ जहां सुशांत के पिता के ऊपर बयान देकर फंस गए हैं तो वहीं अब विवाद को बढ़ता देख मामले में नेताओं की बयानबाजी शुरू हो गई है. संजय राउत ने सुशांत सिंह मामले में बोलते हुए कहा कि, मेरी जानकारी है कि अब तक यह मामला सीबीआई के पास नहीं गया है, कल महाराष्ट्र के गृहमंत्री ने भी यही बात कही है .कल सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई है और हमारी पुलिस अपना पक्ष रखेगी.


उन्होंने आगे कहा कि, जांच कहां तक पहुंची, क्या हुआ, यह हमारा काम है. मेरे हिसाब से मुंबई पुलिस इस देश की सबसे काबिल पुलिस है, उनकी प्रतिष्ठा है प्रोफेशनल पुलिस फोर्स है. मेरी जानकारी के मुताबिक इस केस की जांच सही दिशा में जा रही है. कुछ तथ्य पुलिस के सामने शायद आए हैं. वह चौंकाने वाले हो सकते हैं. इसलिए कुछ लोग बाहर के इस जांच को डाइवर्ट करना चाहते हैं. इसलिए चाहते हैं कि बिहार की पुलिस आए, कुछ लोग बिहार से बैठकर बयान बाजी हो रही है. यह ठीक नहीं है. जरूर कोई ना कोई मामला है, जो यह लोग दबाना चाहते हैं. मुंबई पुलिस की जांच चल रही है. जांच पूरी हो जाने दीजिये. जांच पूरी होने के बाद अगर मन में कोई शंका है तो आप कहिए. पुलिस को उनका समय टाइम देना चाहिए.


कानून हमें भी मालूम है


राउत ने सवाल उठाते हुए कहा कि, क्या यह ईडी का मामला है? कानून हमें भी मालूम है? कानून कैसे बनाया जाता है कानून कैसे उपयोग किया जाता है. राजनीति के लिए सब कुछ किया जाता है. जो जांच कर रहे जिसको करने दें, हमारा कोई इंटरेस्ट नहीं है हम भी चाहते हैं सुशांत केस में तथ्य सत्य सामने आए. जो सुशांत सिंह है वह बॉलीवुड का है.... मुंबई का लड़का है. चाहे कोई दावा करें मेरा है तुम्हारा है. लेकिन वह मुंबई का लड़का है. तो इसलिए उसको न्याय दिलाना हमारी सरकार का काम है. हमसे कोई चूक होती तब आप हमें बताएं.


बिहार चुनाव है इसलिए राजनीति हो रही है


यह थोड़ा गलत दिशा में चले गए हैं. कुछ लोग राजनीति कर रहे हैं. बिहार में चुनाव हैं. इसलिए एक व्यक्ति के मौत का सामान उठाकर बिहार पुलिस को देते हैं. यह संवेदनहीन कार्य है.


आदित्य ठाकरे पर वार किया जा रहा है


आदित्य ठाकरे का इससे क्या संबंध है, इसीलिए तो मैं कह रहा हूं कि यह राजनीति कर रहे हैं. बीजेपी के लोग खुलकर आकर नाम ले ना. घुमा कर क्यों आदित्य ठाकरे पर वार किया जा रहा है. वह अच्छा काम कर रहे हैं. बतौर मंत्री सबकी मदद कर रहे हैं. कोविड-19 में अच्छा काम किया, इसलिए उभरते हुए नेतृत्व को डेमोरलाइज करने की कोशिश हो रही हैं.इससे आपको क्या फायदा है, यह तो राज्य का नुकसान है. चाहे किसी भी पार्टी के युवा हो आप उसको ऐसा रिप्लाई नहीं कर सकते, हिम्मत है तो नाम लीजिए हिम्मत है तो नाम लेकर सुबूत लेकर सामने आइए. सिर्फ बदनाम मत करिए. यह कैसे चलेगा? यह कोई अच्छे संकेत नहीं है. रिया के मामले में बोले कि यदि पुलिस की जांच चल रही है तो किसी एक व्यक्ति के बारे में कैसे प्रमाण दिया जा सकता है. जांच होने दीजिए.