'खूंखार आतंकियों पर कार्रवाई की बारी आती है तो चीन वीटो से बाज नहीं आता', UN में जयशंकर का ड्रैगन पर वार
यूएनएससी में जयशंकर ने कहा कि इंटरनेशनल लेवल पर जब भी खूंखार आतंकवादियों पर कार्रवाई करने की बारी आती है तो संयुक्त राष्ट्र (UN) में चीन अपने वीटो पावर का इस्तेमाल करने से बाज नहीं आता है.
S Jaishankar on UNSC: भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बुधवार को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) के बैठक की अध्यक्षता की. भारत दिसंबर 2022 महीने के लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की अध्यक्षता कर रहा है. इस दौरान जयशंकर ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में पाकिस्तान और चीन को जमकर लताड़ लगाई. जयशंकर ने बहुपक्षवाद और मौजूदा समय में वैश्विक चुनौतियों पर जमकर बात की. आतंकवादी ओसामा बिन लादेन की मेजबानी के लिए जयशंकर ने पाकिस्तान की निंदा की. साथ ही उन्होंने 2001 में संसद पर हुए हमले का भी अपने संबोधन में उल्लेख किया और पाकिस्तान को खरी-खरी सुनाई.
यूएनएससी में एक खुली बहस के दौरान जयशंकर ने चीन और पाकिस्तान पर परोक्ष रूप से हमला करते हुए कहा, "आतंकवाद के अपराधियों को सही ठहराने और उन्हें बचाने के लिए बहुपक्षीय मंचों का दुरुपयोग किया जा रहा है." साथ ही कहा, "आतंकवाद की चुनौती पर भले ही दुनिया अधिक सामूहिक प्रतिक्रिया के साथ एक साथ आ रही है, अपराधियों को सही ठहराने और बचाने के लिए बहुपक्षीय मंचों का दुरुपयोग किया जा रहा है."
वीटो पावर का इस्तेमाल करने से बाज नहीं आता चीन : जयशंकर
जयशंकर ने कहा, "इंटरनेशनल लेवल पर जब भी खूंखार आतंकवादियों पर कार्रवाई करने की बारी आती है तभी संयुक्त राष्ट्र में चीन अपने वीटो पावर का इस्तेमाल करने से बाज नहीं आता है."
15 देशों की शक्तिशाली परिषद को संबोधित करते हुए जयशंकर ने कहा कि सुधार आज की जरूरत है. उन्होंने कहा, "मुझे विश्वास है कि ग्लोबल साउथ, विशेष रूप से दृढ़ता के लिए भारत के दृढ़ संकल्प को साझा करता है."
वास्तविक दुनिया इस बीच नाटकीय रूप से बदल गई : जयशंकर
उन्होंने कहा, "हम सभी जानते हैं कि समान प्रतिनिधित्व पर और सुरक्षा परिषद की सदस्यता में वृद्धि का प्रश्न पिछले तीन दशकों से यूएनजीए के एजेंडे में रहा है जबकि सुधारों पर बहस लक्ष्यहीन हो गई है. वास्तविक दुनिया इस बीच नाटकीय रूप से बदल गई है."
यूएनएससी के मंच से बोलते हुए विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा, "75 साल से अधिक समय पहले बनाए गए बहुपक्षीय संस्थानों की प्रभावशीलता के बारे में एक ईमानदार बातचीत के लिए हमने आज यहां बैठक बुलाई है. हमारे सामने सवाल यह है कि उनमें सुधार कैसे किया जा सकता है, विशेष रूप से सुधार की आवश्यकता कम है."
UNSC में जयशंकर ने जलवायु परिवर्तन के मुद्दों पर भी दिया जोर
जयशंकर ने बहुपक्षीय निकायों में सुधार की आवश्यकता पर बल देते हुए जलवायु परिवर्तन के लिए अपनी प्रतिबद्धताओं को पूरा करने में विकसित देशों की विफलता का भी उल्लेख किया. उन्होंने कहा, "जब जलवायु कार्रवाई और जलवायु न्याय की बात आती है तो मामलों की स्थिति बेहतर नहीं होती है. प्रासंगिक मुद्दों को उपयुक्त मंच पर संबोधित करने के बजाय हमने ध्यान भटकाने के ही प्रयास देखे हैं."
UNSC की बैठक में जयशंकर ने की सुधार की वकालत
इसके साथ ही जयशंकर ने न्यू ओरिएंटेशन फॉर रिफॉर्म मल्टीलेटरलिज्म विषय पर यूएनएससी की बैठक में सुधार की वकालत की है. उन्होंने कहा, "77वें संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) में हम सभी रिफॉर्म के पक्ष में बढ़ती भावना के साक्षी रहे हैं. हमारी चुनौती इसे ठोस परिणामों में बदलना है. यह बहस और इसका परिणाम न केवल यह निर्धारित करने में मदद करेगा कि हम किस प्रकार का संयुक्त राष्ट्र देखना चाहते हैं, बल्कि ये वैश्विक व्यवस्था भी है जो समकालीन वास्तविकताओं को सर्वोत्तम रूप से दर्शाती है.
यूएनएससी में जयशंकर ने कहा, "लैटिन अमेरिका, अफ्रीका और एशिया और छोटे द्वीप विकासशील देशों का संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में विश्वसनीय और निरंतर प्रतिनिधित्व होना चाहिए, जिनके काम करने के तरीकों और प्रक्रियाओं को अधिक जवाबदेह, उद्देश्यपूर्ण और पारदर्शी बनाया जाना चाहिए."
इसके साथ ही जयशंकर गुरुवार को 'आतंकवाद का मुकाबला करने के लिए वैश्विक दृष्टिकोण - चुनौतियां और आगे का रास्ता' विषय पर एक उच्च स्तरीय ब्रीफिंग की भी अध्यक्षता करेंगे.
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