जम्मू आतंकी हमले के बाद साढ़े सात लाख राइफल्स की खरीद को हरी झंडी
डीएसी यानि डिफेंस एक्युजेशन काउंसिल ने तीनों सेनाओं (थलसेना, वायुसेना और नौसेना) के लिए सात लाख चालीस हजार एसाल्ट राइफल्स देने के लिए मंजूरी दे दी है.
नई दिल्ली: जम्मू के सुंजवां छावनी पर हुए आतंकी हमले के चार दिनों बाद ही रक्षा मंत्रालय ने तीनों सेनाओं के लिए सात लाख चालीस हजार राईफल्स देने का फैसला किया है. एसाल्ट राइफल्स के साथ-साथ रक्षा मंत्रालय ने सेनाओं के लिए लाईट मशीन गन्स यानि एलएमजी और 5719 स्नाइपर राइफल्स के लिए भी हरी झंडी दे दी है. इन हथियारों की कुल कीमत 15 हजार करोड़ रूपये से ज्यादा है. रक्षा मंत्रालय द्वारा जारी बयान में कहा गया है कि रक्षा मंत्री निर्मल सीतारमण के नेतृत्व मं आज रक्षा खरीद परिषद की बैठक हुई और 15935 करोड़ रूपये के कैपिटल एक्युजेशन प्रपोजल को मंजूरी दे दी.
जानकारी के मुताबिक, डीएसी यानि डिफेंस एक्युजेशन काउंसिल ने तीनों सेनाओं (थलसेना, वायुसेना और नौसेना) के लिए सात लाख चालीस हजार एसाल्ट राइफल्स देने के लिए मंजूरी दे दी है. इन राइफल्स की कुल कीमत करीब 12,280 करोड़ रूपये है. इन राइफल्स को ‘बाय एंड मेक इंडियन’ (BUY AND MAKE INDIAN) कैटेगरी के तहत सेनाओं के लिए मुहैया कराई जायेंगी. इसके लिए स्वदेशी सरकारी और निजी क्षेत्र की कंपनियां इस खरीद प्रक्रिया में हिस्सा ले सकती हैं. यानि कोई भी भारतीय कंपनी कुछ गन्स को किसी विदेशी कंपनी से सीधे खरीदकर बाकी भारत में ही तैयार करेगी. माना जा रहा है कि ये राइफल्स 7.62 एमएम की होंगी.
Fast-tracking procurement for stronger Armed Forces
7.4 lakh Assault Rifles will be made in India by Ordnance Factories Board and Private Industry at an estimated cost of Rs 12,280 crore 3/n@nsitharaman https://t.co/f8C2pAoZbj pic.twitter.com/SJojhrdoqm — Raksha Mantri (@DefenceMinIndia) February 13, 2018
आपको बता दें कि पिछले दस सालों से सेनाओं के लिए एसाल्ट राइफल्स के लिए खरीद प्रक्रिया शुरु की गई. लेकिन हर बार ये प्रक्रिया किसी ना किसी कारण से रद्द कर दी गई. पिछले साल भी सरकार ने इन राइफल्स की खरीद प्रक्रिया रद्द कर दी थी. हाल ही में थलसेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने कहा था कि इन एसाल्ट राइफल्स को फ्रंट लाइन सैनिकों को मुहैया कराया जायेगा, जबकि देश में ही तैयार की गई, घातक राइफल्स .या फिर एनसास-वनसी राइफल्स को बाकी सैनिकों को दिया जायेगा. माना जा रहा है कि ये राइफल्स 5.56 एमएम को होंगी.
एसाल्ट राइफल्स के साथ साथ डीएसी ने फास्ट ट्रेक प्रक्रिया के तहत लाइट मशीन गन यानि एलएमजी देने को मंजूरी दी गई है जिनकी कीमत करीब 1819 रूपये है. ये एलएमजी गन्स सीमा पर तैनात सैनिकों को दी जायेंगी. ये एलएमजी भी बाय एंड मेक इंडियन के तहत सेनाओं को मुहैया कराई जायेंगी. रक्षा खरीद प्रक्रिया-2016 के मुताबिक, फास्ट ट्रैक प्रक्रिया के तहत इन गन्स को एक साल के भीतर खऱीदा जायेगा.
Fast-tracking procurement for stronger Armed Forces The Light Machine Guns will be procured on 'Fast Track' basis to strengthen the operational readiness of the Indian soldiers deployed on borders. 2/n@nsitharaman https://t.co/f8C2pAoZbj pic.twitter.com/CSOw9iwJ5O
— Raksha Mantri (@DefenceMinIndia) February 13, 2018
इन दोनों हथियारों के साथ-साथ थलसेना और वायुसेना के लिए 5719 स्नाइपर राइफल्स की मंजूरी रक्षा मंत्रालय ने दे दी है. इनकी कुल कीमत 982 करोड़ रुपये है. ये स्नाइपर राइफल्स थलसेना की इंफेंट्री यूनिट्स और पैरा-एसएफ रेजीमेंट के लिए हैं. वायुसेना की गरूण कमाडोंज़ को भी ये स्नाइपर राइफल्स मिलेंगी. इन स्नाइपर राइफल्स को ‘बाय ग्लोबल’ के तहत किसी विदेशी कंपनी से खरीदा जायेगा. हालांकि इन स्नाइपर राइफल्स की गोलियों को पहले बाहर से खऱीदा जायेगा लेकिन बाद में इसके एम्युनिशेन को भारत में तैयार किया जायेगा.
राइफल्स के साथ साथ आज रक्षा मंत्रालय ने नौसेना के लिए डेकोए-टोरपीडो खऱीदने की मंजूरी भी दे दी. ये डेकोए-टोरपीडो नौसेना बीईएल कंपनी से 850 करोड़ रूपये में खरीदेगी. बीईएल ने अपने इन डेकोए-टोरपीडो को मारीच नाम दिया है.