कोरोना वायरस के चलते साल 2020-21 में बिना टिकट प्लेटफार्म और ट्रेन में यात्रा करते समय पकड़े गए लोगों का आंकड़ा सामने आया है, जबकि स्टेशन में ज्यादा भीड़ ना हो इसके लिए टिकट का किराया महंगा करने के साथ कड़े प्रतिबंध लगाए गए थे, लेकिन रेलवे स्टेशनों पर प्रवेश पर गंभीर प्रतिबंध के बावजूद, पिछले साल से अब तक 27 लाख से ज्यादा लोग बिना टिकट के ट्रेनों में यात्रा करते हुए पकड़े गए हैं. इसकी जानकारी एक आरटीआई क्वेरी से मिली है.


वहीं एक आरटीआई से पता चला है कि 2021-21 में 27 लाख से ज्यादा लोगों को बिना टिकट ट्रेनों में यात्रा करते हुए पकड़ा गया था, जबकि कोरोना वायरस महामारी के मद्देनजर एंट्री पर गंभीर प्रतिबंध थे. जानकारी के मुताबिक मध्य प्रदेश के कार्यकर्ता चंद्रशेखर गौर ने आरटीआई के जरिए सवाल किया था, जिसके जवाब में रेलवे बोर्ड ने डेटा उपलब्ध कराया है. अप्रैल 2020 से मार्च 2021 के बीच 27.57 लाख लोग बिना टिकट यात्रा करते पकड़े गए और उनसे 143.82 करोड़ रुपये का जुर्माना वसूला गया है. जबकि साल 2019-2020  में 1.10 करोड़ लोग बिना टिकट यात्रा करते पकड़े गए और कुल मिलाकर उनसे 561.73 करोड़ रुपये का जुर्माना वसूला गया था.


बिना टिकट यात्रा करने पर लगता है दंड


रेलवे के प्रवक्ता डीजे नारायण ने एक इंटरव्यू में बताया कि बिना टिकट या अनधिकृत टिकट के साथ यात्रा करना भारतीय रेलवे के सामने एक लंबे समय से चली आ रही चुनौती है. रेलवे लोगों को ऐसा करने से रोकने के लिए शिक्षाप्रद और दंडात्मक उपाय करता है.


2020-21 में चली सबसे कम ट्रेन


साल 2020-2021 का समय एक ऐसा समय रहा है जब रेलवे ने कोरोना वायरस महामारी के चलते अपने इतिहास में सबसे कम यात्री ट्रेनें चलाईं थीं. इसमें 14 अप्रैल से 3 मई के बीच की लॉकडाउन अवधि शामिल है, जब रेलवे 1 मई से शुरू हुई श्रमिक स्पेशल ट्रेनों को छोड़कर किसी भी यात्री ट्रेन का संचालन नहीं कर रहा था. वहीं पिछले साल जून में रेलवे ने सख्त निर्देशों के साथ विशेष ट्रेनें चलानी शुरू की थीं.


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