पंजाब में किसानों के उग्र प्रदर्शन के देखते हुए 2 ट्रेनों को रद्द किया गया है. नॉदर्न रेलवे की तरफ से शुक्रवार को कहा गया कि पंजाब में किसानों के प्रदर्शन को देखते हुए 2 ट्रेनें रद्द, 5 की दूरी कम और 5 के रूट बदले गए है. गौरतलब है कि प्रदर्शनकारी किसान 'दिल्ली चलो' नारे के साथ प्रदर्शन करने के लिए शुक्रवार को दिल्ली आ गए हैं. जिद पर अड़े किसानों ने इससे पहले दिल्ली-हरियाणा स्थित सिंधु बॉर्डर पर पुलिस के ऊपर पत्थरबाजी की. इससे पहले दिन में प्रदर्शनकारी किसानों ने दिल्ली-हरियाणा के सिंघू बॉर्डर पर पथराव किया और बैरीकेड तोड़ डाले. ये सभी किसान सितंबर में पास हुए तीन कृषि संबंधी कानूनों का विरोध कर रहे हैं. दिल्ली पुलिस ने इन किसानों पर बुराड़ी के निरंकारी ग्राउंड में प्रदर्शन की इजाजत दे दी है.


दिल्ली पुलिस कमिश्नर ने कहा कि प्रदर्शनकारी किसानों को राष्ट्रीय राजधानी आने दिया जाएगा. उन्हें उत्तरी दिल्ली के बुराड़ी इलाके में स्थित निरंकारी समागम ग्राउंड में प्रदर्शन की अनुमति दी जाएगी. उन्होंने प्रदर्शनकारी किसानों से व्यवस्था बहाल रखने और शांतिपूर्वक प्रदर्शन करने की अपील की है.





इधर, दिल्ली पुलिस की तरफ से प्रदर्शनकारी किसानों को राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में आने की इजाजत देने के फैसले का पंजाब के मुख्यमंत्री ने स्वागत किया है. अमरिंदर सिंह ने कहा कि कि वह केन्द्र के फैसला का स्वागत करते हैं, जिसमें किसानों को उनके लोकतांत्रिक अधिकार के तहत प्रद्रशन की इजाजत दी गई है. अमरिंदर सिंह ने आगे कहा कि उन्हें कृषि कानूनों पर फौरन किसानों से बात शुरू कर देनी चाहिए और उनकी समस्या का समाधान करना चाहिए.


इधर, टिकरी बॉर्डर तक पहुंचे एक किसान ने कहा, दिल्ली पुलिस ने किसानों पर दिल्ली में घुसने और प्रदर्शन की इजाजत दे दी है. हमने अपने रास्तों मे 10 बैरिकेड्स पार किए हैं. हम प्रशासन को धन्यवाद करते हैं कि उन्होंने प्रदर्शन की इजाजत दे दी है. हम खुश हैं और सिर्फ शांतिपूर्वक मुद्दे का समाधान चाहते हैं.


इससे पहले, किसानों ने रामलीला मैदान में प्रदर्शन करने की अनुमति मांगी थी, लेकिन दिल्ली पुलिस ने वहां प्रदर्शन की अनुमति देने से इनकार कर दिया था. पंजाब के मुख्यमंत्री ने हरियाणा की मनोहर लाल खट्टर सरकार द्वारा किसानों को रोकने के लिए ‘‘क्रूर बल’’ का इस्तेमाल करने को लेकर आलोचना की.


मुख्यमंत्री ने एक बयान जारी कर कहा, ‘‘इस तरह के कड़े कदम उठाने की क्या जरूरत है? मनोहर लाल खट्टर जी इस तरह की क्रूरता को रोकने की जरूरत है.’’ केन्द्र के तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध जताने दिल्ली के लिए निकले पंजाब और हरियाणा के किसान रास्ते में सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त के बावजूद शुक्रवार सुबह दिल्ली के दो 'बॉर्डर' पर पहुंच गए. किसान नये कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग कर रहे हैं. उनका कहना है कि नये कानून से न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की व्यवस्था समाप्त हो जाएगी.