देश में कोरोना वायरस की दूसरी लहर में हर दिन रिकॉर्ड तोड़ मामले दर्ज किए जा रहे हैं. कोरोना संक्रमण की खतरनाकर वृद्धि को देखते हुए प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को  सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक की. इस दौरान पीएम मोदी ने मुख्यमंत्रियों के साथ कोरोना रोधी उपायों पर चर्चा की साथ ही उन कठोर कदमों को भी सूचीबद्ध किया जिन्हें उन्होंने "युद्ध स्तर" पर ले जाने की जरूरत बताई.


पीएम मोदी ने बढ़ते कोविड-19 के मामलों से निपटने के लिए ये पांच बड़ी बातें कही हैं:


1-"हमारा जोर माइक्रो-कंटेंटमें ज़ोन, नाइट कर्फ्यू पर होना चाहिए. कोविड कर्फ्यू के रूप में प्रचारित नाइट कर्फ्यू, लोगों को इस बात के लिए अलर्ट करेगा कि एक महामारी चल रही है."


2-"प्रोएक्टिव टेस्टिंग करना- यह एसिम्टोमैटिक मरीजों की पहचान करने के लिए आवश्यक है.  कई एसिम्टोमैटिक लोग अपने पूरे परिवारों को संक्रमित कर रहे हैं. उद्देश्य ये है कि 70 प्रतिशत टेस्टिंग आरटी-पीसीआर होनी चाहिए. इसके साथ ही सैंपल को ठीक से एकत्र करना सुनिश्चित करना है."


3- "हमें पॉजिटिविटी रेट को 5 प्रतिशत से नीचे लाना है और मृत्यु दर को कम करना है. मौतों के आंकड़ों का विस्तार से विश्लेषण किया जाना चाहिए और हर पोर्टल पर उपलब्ध कराया जाना चाहिए."


4- "हमें वैक्सीन की बर्बादी को रोकना है और उन शॉट्स को प्राथमिकता देनी है जिन्हें दिया जा रहा हैं. हमें 11 से 14 अप्रैल तक वैक्सीन फेस्टिवल का आयोजन करना चाहिए, जिसके दौरान हमें अधिक से अधिक पात्र लोगों को टीका लगाना चाहिए और टारगेट जीरो वेस्टेज होना चाहिए."


5- “ऐसे लोगों को जागरूक करने के लिए ठोस कदम उठाए जो महामारी को लेकर बेहद लापरवाह हैं. राज्यों को सर्वदलीय बैठकें आयोजित करनी चाहिए और राज्यपालों को भी शामिल करना चाहिए. जन जागरूकता अभियान होना चाहिए”


गौरतलब है कि कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर बेहद खतरनाक बताई जा रही है. हर दिन 1 लाख से ज्यादा मामले दर्ज किए जा रहे हैं. गुरुवार को रिकॉर्ड 1.27 लाख नए मामले दर्ज किए गए हैं.वहीं पिछले साल सितंंबर महीने में  मामले पीक पर थे  और हर दिन 98 हजार से ज्यादा केस दर्ज किए जा रहे थे. बढ़ते मामलों की वजह से ही भारत दुनिया का तीसरा सबसे ज्यादा कोरोना संक्रमण से प्रभावित देश बन गया है.


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