अहमदाबाद: गुजरात में पटेल आरक्षण आंदोलन के नेता हार्दिक पटेल समेत तीन लोगों को मेहसाणा दंगा मामले में दोषी करार दिया गया है. उनके अलावा जिन दो और लोगों को दोषी करार दिया गया है, उनमें सरदार पटेल ग्रुप के अध्यक्ष लालजी पटेल का भी नाम शामिल है. इस मामले में हार्दिक पटेल और लालजी पटेल को दो-दो साल की सज़ा दी गई है. वहीं, इस मामले में 14 अन्य लोगों को बरी कर दिया है. सजा मिलने के बाद हार्दिक ने एक ट्वीट किया है, जिसमें उन्होंने 'इंक़लाब ज़िंदाबाद' लिखा है.


हार्दिक ने क्या ट्वीट किया है?


हार्दिक पटेल ने ट्वीट कर कहा है, ''किसी भी मुश्किल को उसके बनाये गए लेवल पर हल नहीं किया जा सकता, उस मुसीबत को उस लेवल से ऊपर उठने पर ही हल किया जा सकता है. इंक़लाब ज़िंदाबाद.''





गौरतलब है कि पिछले साल आरक्षण आंदोलन के दौरान स्थानीय बीजेपी विधायक ऋषिकेश पटेल के दफ्तर में तोड़फोड़ के आरोप में हार्दिक पटेल और लाल जी पटेल समेत सात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज हुआ था. महसाण और माणसा के बाद बिसनगर में आरक्षण आंदोलन की तीसरी रैली के दौरान ये हमला हुआ था. ये आरक्षण आंदोलन के दौरान हिंसा की पहली घटना थी.


क्यों किया था आंदोलन?

बता दें कि साल 2015 से आरक्षण की मांग को लेकर पटेल समुदाय हार्दिक पटेल के नेतृत्व में गुजरात में जगह-जगह आंदोलन कर रहा है. गुजरात में कड़वा, लेउवा और आंजना तीन तरह के पटेल हैं. आंजना पटेल ओबीसी में आते हैं. जबकि कड़वा और लेउवा पटेल ओबीसी आरक्षण की मांग कर रहे हैं.


कौन हैं हार्दिक पटेल?

हार्दिक पटेल गुजरात में पटीदार आंदोलन के बड़े युवा नेता हैं. पाटीदार समुदाय ओबीसी श्रेणी के तहत सरकारी नौकरी और शिक्षा में आरक्षण चाहते हैं. हार्दिक पटेल का जन्म 20 जुलाई 1993 में चन्दन नगरी गुजरात में हुआ था. हार्दिक साल 2011 में सरदार पटेल समूह से जुड़े थे. इसके बाद हार्दिक ने साल 2015 में पाटीदार अनामत आंदोलन समिति का निर्माण किया था, जिसका लक्ष्य अन्य पिछड़ा वर्ग में शामिल होना था.



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