नई दिल्लीः भारत और नेपाल के प्रधानमंत्रियों ने आज दोनों देशों के बीच नई समेकित चेकपोस्ट का साझा उद्घाटन किया. दोनों प्रधानमंत्रियों ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए जोगबनी-बिराटनगर आईसीपी का उद्घाटन किया जो आम लोगों और साजो-सामान की आवजाही को सुगम बनाएगी.


अपने वीडियो संवाद में पीएम मोदी ने नेपाली पीएम के साथ मिलकर नेपाल के गोरखा और नुवाकोट जिलों में 50,000 निजी घरों के भूकंप-रोधी पुनर्निर्माण की प्रगति देखी. इसमें से करीब 45 हज़ार घरों का निर्माण किया जा चुका है और शेष का निर्माण जारी है. पीएम ने अपने वीडियो सम्बोधन में इस साल अपनी नेपाल यात्रा का भी संकेत दिया.


साल 2018 में आईसीपी का हुआ था उद्घाटन


महत्वपूर्ण है कि भारत और नेपाल के बीच दो तरफा व्यापार और लोगों की आवाजाही को सुविधाजनक बनाने के लिए सीमा पर आईसीपी के निर्माण के लिए सहमति है. इस कड़ी में बीरगंज स्थित आईसीपी का उद्घाटन अप्रैल 2018 में किया गया था.


इसके जरिए नेपाल को भारत व अन्य देशों के साथ नेपाल को द्विपक्षीय व्यापार की सहूलियत दी गई थी. नवनिर्मित आईसीपी बिराटनगर पर काम दिसंबर 2016 में शुरू हुआ और अक्टूबर 2019 में पूरा हुआ. इस परियोजना पर भारत सरकार के करीब 2. 24 अरब नेपाली रुपए खर्च कर गए।


आईसीपी के जरिए व्यापार बढ़ने की उम्मीद


विदेश मंत्रालय के मुताबिक नव निर्मित आईसीपी के जरिए दोनों देशों के बीच अधिकृत जोगबनी-बिराटनगर बॉर्डर क्रॉसिंग पॉइंट पर दोनों देशों के बीच यातायात के आवागमन को बढ़ावा देने और व्यापार को बढ़ाने की उम्मीद है.


गौरतलब है कि बिराटनगर नेपाल की ओर से तीसरा सबसे बड़ा राजस्व एकत्र करने वाला चेक पोस्ट है. भारत को उम्मीद है कि इस नए आईसीपी से सीमा शुक्ल और आव्रजन से जुड़ी प्रक्रिया में प्रतीक्षा और प्रसंस्करण का समय काफी कम हो सकेगा. कामकाज की प्रक्रिया को प्रभावी बनाने के लिए आईसीपी को सभी आधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित किया गया है.


कई सुविधाओं से किया गया है लैस


इसमें कोल्ड स्टोरेज कार्गो, इलेक्ट्रॉनिक वेटब्रिज, 100% बिजली बैकअप, अग्नि सुरक्षा, समर्पित संचार नेटवर्क और 24x7 निगरानी के साथ-साथ सीसीटीवी और सार्वजनिक घोषणा प्रणाली और वेयरहाउसिंग सुविधाएं दी गई हैं.


ड्राइवरों, यात्रियों और सुरक्षा कर्मियों के लिए सुविधाओं के साथ साथ आईसीपी बिराटनगर में पर्यावरण संरक्षण का भी ध्यान रखा गया है. इसके लिए जहाँ एक तरह गंदे पानी के शोधन के लिए ट्रीटमेंट प्लांट लगाया गया है वहीं बड़े पैमाने पर वृक्षारोपण का भी ख्याल तख गया है.


'भारत नेपाल के साथ है'


इस मौके पर पीएम ने दोनों देशों के प्रगाढ़ रिश्तों का हवाला देते हुए कहा कि संकट की किसी भी घड़ी में भारत अपने पड़ोसी नेपाल के साथ है. साल 2015 में आए भूकंप का ज़िक्र करते हुए पीएम ने कहा कि मुसीबत के उस वक्त में नेपाल के लोगों ने जिस जीवट के साथ सामना किया उसपर भारत के लोगों को फख्र है. मोदी ने नेपाल के गुरखा और नुवाकोट जिलों में भारत सरकार की मदद से चल रही दोबारा निर्माण प्रक्रिया पर संतोष जताया.


गोरखा और नुवाकोट जिलों में भूकंप से बचाने वाले 50,000 निजी घरों के पुनः निर्माण के लिए, भारत सरकार 10 करोड़ अमेरिकी डॉलर के अनुदान और 50 करोड़ डॉलर के सॉफ्ट लोन का योगदान कर रहा है. अब तक, 45,057 घरों (90. 1%) ने अपने घरों का पुनर्निर्माण किया है.


इस मौके पर पीएम ने भारत की तरफ से की गई आपदारोधी ढांचागत निर्माण की पर भी जोर दिया और नेपाल से इसमें सक्रिय सहयोग का आग्रह किया.


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