नई दिल्ली: देश में गिरते भूजल स्तर की रोकथाम और पानी प्रबंधन की व्यापक परियोजना का बुधवार को आगाज किया गया. पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अटल भूजल योजना का औपचारिक उद्घाटन किया. इस मौके पर जल जीवन मिशन के लिए दिशा नियमावली भी जारी की गई. जिसमें जल स्रोतों को सहेजने और देश में पानी की उपलब्धता और गुणवत्ता सुधारने का लक्ष्य है.


अटल भूजल योजना को फिलहाल देश के उन 7 राज्यों में लागू किया जा रहा है जहां पानी का स्तर तेजी से घट रहा है. राजस्थान, महाराष्ट्र, गुजरात, उत्तरप्रदेश, हरियाणा, गुजरात आदि राज्यों का हवाला देते हुए पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि इन सूबों के 8300 से ज्यादा ग्राम पंचायतों में भूजल की स्थिति बहुत चिंताजनक है. ऐसे में जल संरक्षण के लिए मिशन मोड में काम करने की जरूरत है.


विश्व बैंक भी है अटल भूजल योजना में भागीदार


राजधानी दिल्ली में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान पीएम ने कहा कि देश में भूजल की सबसे ज्यादा खपत खेती में होती है. ऐसे में पानी की मौजूदा स्थिति को देखते हुए यह जरूरी है कि किसान माइक्रो इरीगेशन और वैकल्पिक खेती पर ध्यान दें. पीएम ने कहा कि अटल भूजल योजना में ग्राम पंचायतों को अपना जल प्रबंधन अधिकार मिलेगा और बेहतर काम करने पर सीधा आर्थिक लाभ भी मिलेगा. पीएम ने हर बूंद से अधिक फसल लेने का नारा भी दोहराया. केंद्र सरकार की करीब 6800 करोड़ रुपए की इस योजना का आधा खर्च विश्व बैंक उठाएगा.


अगले 5 साल में हर घर को नल से जल


पीएम मोदी ने राजधानी दिल्ली में पानी की गुणवत्ता को लेकर उठी चिंताओं के भी जिक्र किया. पीएम ने कहा कि देश की राजधानी में पानी की गुणवत्ता खराब होने पर कई सवाल पूछे जा रहे हैं. ऐसे में सरकार ने देश में बेहतर पानी और घर घर नल से जल उपलब्ध कराने के लिए 3.5 रुपए खर्च करने का लक्ष्य रखा है. मोदी ने जल संचयी व्यवहार और पानी बचाने वाली तकनीकों पर निवेश करने की जरूरत पर भी जोर दिया.


पंचायत करेंगी जरूरत के पानी का प्रबंधन


इस अवसर पर जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि जल संरक्षण और संवर्धन भारत के सामने एक अहम चुनौती है. देश में जरूरत के 65 प्रतिशत पानी के लिए भूजल पर निर्भरता है. वहीं 22 फीसदी से आधिक इलाके में पानी का संकट गहरा रहा है. इसके मद्देनजर ही भूजल योजना और जल-जीवन मिशन काम करेगा. स्थानीय स्तर पर जल समितियां पानी के संसाधनों का प्रबंधन और वाटर बजटिंग कर सकेंगी. यानि अपनी जरूरत और खपत के अनुसार पानी का प्रबंधन कर सकेंगी. पीएम ने इन समितियों में कम से कम 50 फीसदी महिलाओं को जगह देने की सिफारिश की. बीते दिनों केंद्रीय कैबिनेट ने अटल भूजल योजना को मंजूरी दी थी. इस योजना के तहत प्रस्तावित 6000 करोड़ रुपये से अधिक की धनराशि को वित्त वर्ष 2020-21 से 2024-25 तक खर्च किया जाना है. इस धनराशि का आधा हिस्सा विश्व बैंक देगा और शेष आधा भाग केंद्र सरकार देगी. यह राशि अनुदान के तौर पर राज्यों को मुहैया कराई जाएगी.


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