नई दिल्ली: दिल्ली विधानसभा की पर्यावरण समिति ने पूर्वी दिल्ली और उत्तरी दिल्ली नगर निगम के आयुक्तों को समिति के सामने पेश होने के लिए कहा है. गाजीपुर और भलस्वा लैंडफिल साइट पर लगातार आग लगने की घटनाओं पर चर्चा के लिए पर्यावरण समिति की ओर से 9 दिसंबर को दोपहर 3 बजे बैठक बुलाई गई है. समिति की चेयरपर्सन आतिशी ने कहा कि दिल्ली में लैंडफिल साइटों पर कचरा जलाने की घटनाओं और लैंडफिल की ऊंचाई में काफी वृद्धि और एमसीडी के खराब अपशिष्ट प्रबंधन के कारणों को जानने के लिए बैठक बुलाई गई है. गाजीपुर लैंडफिल साइट पर 27 नवंबर को कूड़े के पहाड़ में आग लग गई थी और इस घटना के तीन दिन बाद भलस्वा डेयरी लैंडफिल साइट में भी आग लगने की सूचना मिली थी.
आतिशी ने कहा कि इस तरह की आग की घटनाएं दिल्ली सरकार के सभी प्रयासों को खराब कर रही हैं, आग के लिए जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए. दिल्ली विधानसभा की पर्यावरण समिति ने पूर्वी, उत्तरी दिल्ली नगर निगम के आयुक्तों को उपस्थित होकर गाजीपुर- भलस्वा लैंडफिल साइटों पर आग की घटनाओं के बारे में बताने के लिए कहा है. गाजीपुर और भलस्वा डेयरी लैंडफिल साइटों पर आग लगने की लगातार घटनाएं हुई हैं. दिल्ली के वायु-प्रदूषण में ये दोनों लैंडफिल साइट प्रमुख योगदानकर्ता हैं. एमसीडी के दोनों आयुक्तों को यह सुनिश्चित करने के लिए बुलाया गया है कि भविष्य में ऐसी आग की घटनाएं न हों.
आतिशी ने कहा कि एमसीडी के खराब अपशिष्ट प्रबंधन के पीछे के कारणों को जानने के लिए बैठक में आयुक्तों को बुलाया गया है कि आखिर क्यों लैंडफिल साइट पर कचरा डाला जाता है और साइटों पर लगातार आग लगने के लिए कौन सा प्राधिकरण जिम्मेदार है? इसके अलावा बैठक यह जानने के लिए बुलाई गई है कि एमसीडी के पास भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए क्या कोई योजना है और अपशिष्ट प्रबंधन प्रणाली बनाने के लिए क्या कदम उठाए गए हैं, ताकि लैंडफिल की ऊंचाई में वृद्धि न हो.
गाजीपुर लैंडफिल साइट में आग लगने के कारण पूरी पूर्वी दिल्ली और आस-पास का क्षेत्र धुएं से भर गया था. एक्यूआई का स्तर काफी ऊपर चला गया, जिससे प्रदूषण में भारी वृद्धि हुई. समिति का मनना है कि आग के लिए जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए.
ये भी पढ़ें:
दुनिया की सबसे ऊंची पर्वत चोटी को मिला नया मुकाम, Mount Everest की संशोधित ऊंचाई होगी 8848.86 मीटर