नई दिल्ली: खुद को विष्णु का 10वें अवतार बताने वाले कल्कि महाराज से आयकर विभाग जल्द पूछताछ कर सकता है. आयकर विभाग ने अब कल्कि महाराज के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है. आयकर विभाग ने पिछले दिनों तीन राज्यों में छापेमारी करके कल्कि महाराज की करीब 600 करोड़ रुपए की संपत्ति जब्त की है.


कल्कि महाराज का असली नाम विजय कुमार है. कल तक इनकी संपत्ति का खुलासा 500 करोड़ के आसपास था. आज वो बढ़कर 600 करोड़ पार चला गया है, जिसमें रुपए और डॉलर के अलावा सोने, हीरे,  जवाहरात और जमीन सब कुछ शामिल है. आयकर विभाग ने कल्कि महाराज के खिलाफ आपराधिक धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया है.


आयकर विभाग के सूत्रों के मुताबिक, विजय कुमार उर्फ कल्कि महाराज के आश्रमों में आयकर चोरी की जा रही थी और दान में मिली रकम को कम करके दिखाया जा रहा था. इतना ही नहीं चोरी की रकम से जमीनें भी खरीदी जा रही थीं. आयकर विभाग की छापेमारी में काले धन को सफेद करने के भी सबूत मिले हैं. जिस पर जांच जारी है.


बाबा के ठिकानों से क्या-क्या मिला है?




  • भारतीय कैरेंसी के करीब 44 करोड़ रुपये कैश मिले हैं.

  • 18 करोड़ रुपये के बराबर 25 लाख अमेरिकी डॉलर मिले हैं.

  • 26 करोड़ रुपये के 88 किलो सोने के जेवर.

  • 5 करोड़ रुपये के 1271 कैरेट के हीरे.

  • कुल 93 करोड़ रुपये बरामद किए गए.

  • 409 करोड़ रुपये की कमाई की रसीदें मिली हैं.


अध्यात्म से पहले एलआईसी में क्लर्क था कल्कि महाराज


साल 1980 में लोगों को वैकल्पिक शिक्षा मुहैया कराने के लिए कल्कि महाराज ने जीवाश्रम नाम की संस्था बनाई. इसने देश-विदेश में रियल एस्टेट, निर्माण, खेल जैसे क्षेत्रों में भी अपनी किस्मत आजमाई. इतना ही नहीं इसके आश्रमों में ट्रस्ट और कंपनियों की तरफ से वेलनेस भी कोर्स चलाए जाते हैं. वेलनेस कोर्स विदेशियों को आकर्षित करते हैं. जिससे बड़ी मात्रा में विदेशी मुद्रा हासिल की गई. विजय कुमार उर्फ कल्कि महाराज अध्यात्म से पहले एलआईसी में क्लर्क था.


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