Mobile APP के जरिए शार्ट टर्म लोन देने वाली विदेशी कंपनी पर आयकर विभाग की छापेमारी, कई जरूरी डॉक्यूमेंट मिलने का दावा
Income Tax Raid: आयकर विभाग के मुताबिक, ये कंपनी FDI के तहत बेहद कम पूंजी के साथ हिंदुस्तान मे आई थी जिसके बाद कंपनी ने भारतीय बैंको से लोन भी लिया.
आयकर विभाग (Income Tax Department) ने मोबाइल एप्लीकेशन के जरिये लोन मुहैया करवाने वाली कंपनी 'फिनटेक' के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है. आयकर विभाग ने कंपनी के दिल्ली और गुरुग्राम के कुछ ठिकानों पर छापेमारी की. आरोप है कि कंपनी अपने ब्याज चक्कर में फंसा कर लोगों से कई गुना ज्यादा वसूली करती थी छापेमारी के दौरान आयकर विभाग ने अनेक महत्वपूर्ण दस्तावेज मिलने का दावा किया है साथ ही कंपनी द्वारा तमाम नियम कानूनों को ताक पर रखकर पैसा विदेश भेजे जाने का भी पता चला है.
आयकर विभाग के एक आला अधिकारी ने बताया कि उन्हें सूचना मिली थी कि फिनटेक कंपनी बड़े पैमाने पर आयकर चोरी कर रही है साथ ही दस्तावेजों में भी गड़बड़ घोटाला कर पैसों को इधर से उधर किया जा रहा है. सूचना के आधार पर विभाग ने मामले की आरंभिक जांच की और आरंभिक जांच के दौरान तथ्य मिलने पर आयकर की कई टीमो ने एक साथ फिनटेक कंपनी से जुड़े प्रबंधन अधिकारियों के दिल्ली और गुरुग्राम स्थित निवास और कार्यालयो पर एक साथ छापेमारी की. जहां से मामले से जुड़े अहम दस्तावेज और बैंक एकाउंट की डिटेल्स इकठ्ठा की गई हैं.
कंपनी का संचालन केमैन आइलैंड से किया जा रहा है
आयकर विभाग को जाँच के दौरान पता चला कि फिनटेक कंपनी जिसका संचालन केमैन आइलैंड से किया जा रहा है, जरूरतमंद लोगों को शार्ट पीरियड इंस्टेंट लोन मुहैया करवाती है. लोन के लिए जो प्रॉसेसिंग फीस वसूली जाती है वह काफी ज्यादा थी जो ग्राहकों को अतिरिक्त भार के तौर पर लगती थी इसके अलावा ब्याज चक्र के जाल में फंसा कर कंपनी ग्राहकों से ज्यादा पैसा भी वसूलती थी.
भारतीय बैंको से भी लिया था लोन
आयकर विभाग के मुताबिक, ये कंपनी FDI के तहत बेहद कम पूंजी के साथ हिंदुस्तान मे आई थी जिसके बाद कंपनी ने भारतीय बैंको से लोन भी लिया. जाँच में पता चला कि मोबाइल एप पर लोन देने वाली इस कंपनी ने पैसे को गलत तरीके से संचालन कर एक साल में 10 हजार करोड़ रुपये का टर्नओवर दिखाया. करीब 500 करोड़ रुपये FDI नियमों का उलंघन कर अपनी विदेशी कंपनियों में स्थानांतरित किये. ये पैसा इस कंपनी ने अपनी विदेशी कंपनियों से 2 सालों में ली गयी सेवाओं के भुगतान के रूप में दिखाया गया. आयकर विभाग को पता चला कि फिनटेक कंपनी की लोन एप्लीकेशन को विदेश से ऑपरेट किया जाता था. साथ ही, लोन लेने वाले लोगों को ब्याज के चक्र में फंसाकर उनसे मूल रकम से कई गुना वसूली जाती थी. आयकर विभाग ने न सिर्फ रेड के दौरान केस से जुड़े कागजात बरामद किए बल्कि कंपनी के अधिकारियों जिनमें कुछ विदेशी भी शामिल हैं, उनके बयान भी दर्ज किए हैं. मामले की जांच जारी है.
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