Income Tax Department Raid: NSE की पूर्व MD और CEO चित्रा रामकृष्णा के घर IT ने आज सर्च रेड किया. इनकम टैक्स की टीम चित्रा रामकृष्णा के ठिकानों सहित केस से संबंधित कई अन्य जगहों पर पहुची और अलग-अलग टीमों ने छापेमारी की. गौरतलब है कि SEBI ने नियमों के उलघंन का दोषी पाते हुए चित्रा रामकृष्णा पर 3 करोड़ ने जुर्माना लगाया है. चित्रा का कहना था कि उन्हें हिमालय पर बैठा कोई योगी या सिद्धपुरुष उनका मार्गदर्शन करता था.
देश के करीब 8 करोड़ इन्वेस्टर्स के हितों की रक्षा करने वाली संस्था SEBI की एक जांच रिपोर्ट ने सबको चौंका दिया. सेबी की जांच रिपोर्ट से सवाल उठ रहा है कि क्या साल भर बर्फ से ढके हिमालय पर बैठा कोई व्यक्ति इंडिया का सबसे बड़ा स्टॉक एक्सचेंज चला सकता है? भारत में स्टॉक और कमोडिटी मार्केट्स को रेगुलेट करनेवाली SEBI यानी (SEBI - Securities and Exchange board of India) ने अपनी एक जांच में पाया कि एनएसई की पूर्व एमडी और सीईओ चित्रा रामकृष्णा एक अज्ञात सिद्ध पुरुष या योगी से मार्गदर्शन लेती थी जो हिमालय पर रहता है.
सेबी ने आदेश में क्या कहा...
सेबी ने जांच के बाद अपने आदेश में कहा है, 'देश के सबसे बड़े स्टॉक एक्सचेंज (NSE) की पूर्व एमडी और सीईओ चित्रा रामकृष्ण का 20 साल तक मार्गदर्शन एक हिमालय पर रहने वाले एक सिद्ध पुरुष या योगी ने किया. रामकृष्ण ने सेबी से जुड़ी अहम जानकारियां, फैसले, कर्मचारियों से जुड़ी पॉलिसी और संस्था के ढांचे की जानकारी उस योगी को लीक की थी. यह जानकारियां साल 2014 से 2016 के दौरान लीक गई थीं. इसके लिए जिस ईमेल का इस्तेमाल किया गया था, सेबी ने उसका भी खुलासा किया है.'
सेबी की जांच में यह भी मिला है कि इस अज्ञात सिद्ध पुरुष योगी का हाथ आनंद सुब्रमण्यन के हाई प्रोफाइल अप्वाइंटमेंट में भी था. सुब्रमण्यन को एनएससी ग्रुप का ऑपरेटिंग अफसर और चित्रा रामकृष्णा का एडवाइजर नियुक्त किया गया था. मजेदार बात यह है कि सुब्रमण्यन को इन्वेस्टमेंट की दुनिया में कोई नहीं जानता. सेबी ने आनंद सुब्रमण्यन के अप्वॉइंमेंट मामले में शुक्रवार को बड़ी कार्रवाई की है. उसने चित्रा रामकृष्णा और रवि नारायण सहित कुछ लोगों को सिक्योरिटी कॉन्ट्रैक्ट रूल्स के उल्लंघन का दोषी पाया है. रामकृष्णा पर 3 करोड़, 2-2 करोड़ रुपये एनएसई, नारायण और सुब्रमण्यम पर और 6 लाख रुपये का जुर्माना वी आर नरसिम्हन पर लगाया गया है. नरसिम्हन एनएसई के चीफ रेगुलेटरी ऑफिर और चीफ कंप्लायंस अफसर थे.
सेबी ने अपने जांच आदेश में कहा है, "चित्रा रामकृष्ण के मुताबिक, यह गुमनाम व्यक्ति एक आध्यात्मिक ताकत था. वह जहां चाहे प्रकट हो सकता था. उसका कोई निश्चित पता और ठिकाना नहीं था. वह ज्यादातर हिमालय के पहाड़ों पर रहता था." सेबी ने यह भी कहा है कि सुब्रमण्यन इस योगी का साथी था, जो अहम फैसले लेने में रामकृष्णा पर असर डालता था. इस वजह से उसके लिए ग्रुप ऑपरेटिंग अफसर और एमडी के एडवाइजर का पद पूरी तरह से कंट्रोल में था.
सेबी के इस ऑर्डर पर उसके होल-टाइम मेंबर अनंत बरुआ का हस्ताक्षर है. आदेश में यह भी कहा गया है कि योगी के आदेश पर सुब्रमण्यन को मोटी रकम का पेमेंट हर साल होता था. आनंद सुब्रमण्यन ने 12 सितंबर, 2018 के अपने बयान में कबूल किया था कि वह उस गुमनाम योगी को पिछले 22 साल से जानता है. सेबी ने कहा है कि सुब्रमण्यन के लिए एनएसई की तिजारी से हर साल कम से कम 5 करोड़ रुपये निकल जाते थे. रामकृष्ण पूरी तरह सुब्रमण्यन पर निर्भर थी और उसके बगैर कोई बड़ा फैसला नहीं लेती थीं. हालाकी सेबी की कार्यप्रणाली को समझने वाले इस कथित योगी या सिद्ध पुरुष पर सवाल उठा रहे है.
सेबी की कार्यवाई के बाद आज आयकर विभाग ने चित्रा रामकृष्णा के ठिकानों सहित कुछ अन्य जगहों पर छापेमारी की है. आयकर विभाग के संबंधित अधिकारी का कहना है की सर्च रेड की जा रही है, रेड के बाद आधिकारिक जानकारी उपलब्ध होगी.