छत्तीसगढ़ में आयकर विभाग का खुलासा, नौकरशाहों को हर महीने दी जाती थी घूस की रकम
छत्तीसगढ़ में हुई छापेमारी में आयकर विभाग को कई हैरान करने वाले दस्तावेज बरामद हुए हैं. आयकर विभाग का दावा है कि उन्हें नोटबंदी के दौरान हुए बड़े बेनामी लेनदेन का पता चला है.
रायपुरः छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री की उप सचिव समेत अनेक नौकरशाहों और व्यापारियों के यहां मारे गए छापे के दौरान आयकर विभाग को डेढ़ सौ करोड़ रुपए से ज्यादा की बेनामी लेनदेन का पता चला है. छापे के दौरान जो दस्तावेज बरामद हुए हैं उनके आधार पर आयकर विभाग का दावा है कि कुछ नौकरशाहों को हर महीने घूस की रकम दी जाती थी. इसके अलावा नोटबंदी के दौरान हुए अनेकों बड़े बेनामी लेनदेन का पता चला है.
आयकर विभाग इस मामले में जल्द ही लोगों को पूछताछ के लिए नोटिस जारी करेगा. आयकर विभाग ने छत्तीसगढ़ में 4 दिन पहले छापेमारी शुरू की थी. इस छापेमारी से छत्तीसगढ़ प्रशासन में अफरा-तफरी मच गई थी. इस छापेमारी के तार मुख्यमंत्री की उप सचिव सौम्या चौरसिया के घर तक पहुंच गए थे.
आयकर अधिकारियों के मुताबिक यह छापे छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्य सचिव व छत्तीसगढ़ रेरा के चेयरमैन अनिल टुटेजा और उनकी पत्नी मीनाक्षी, रायपुर नगर निगम के महापौर एजाज उनके भाई अनवर, आबकारी विभाग के ओएसडी एपी त्रिपाठी और कारोबारी समेत अनेक व्यवसायियों के अधिकांश ठिकानों पर मारे गए थे.
आयकर विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि छापेमारी के दौरान जो इलेक्ट्रॉनिक डाटा बरामद हुआ है उसकी आरंभिक जांच के दौरान पता चला है कि वहां के अनेक अधिकारियों को प्रतिमाह रिश्वत की रकम नियमित तौर पर दी जाती थी. अधिकारी ने कहा कि आयकर विभाग को सूचना मिली थी कि शराब और खदान धंधे में बड़े पैमाने पर बेनामी लेनदेन हुआ है. इसके साथ ही हवाला के जरिए भी बड़ी-बड़ी रकम इधर-उधर की गई है.
सूचना के आधार पर आयकर विभाग ने छत्तीसगढ़ में छापेमारी शुरू की थी आयकर विभाग के मुताबिक इस छापेमारी के दौरान पता चला कि काले धन को सफेद करने के लिए कुछ लोगों ने अपने कर्मचारियों के नाम पर बैंकों में खाते खुलवाए हुए थे. जांच में ऐसे लगभग एक दर्जन से ज्यादा ऐसे खातों का पता चला है. वहीं नोटबंदी के दौरान बड़े पैमाने पर बेनामी लेनदेन के दस्तावेज भी बरामद हुए हैं.
आयकर विभाग का कहना है कि अब तक की जांच के दौरान बैंकों में मौजूद अनेक बैंक लॉकर्स पर सील लगा दी गई है. इसके साथ ही बैंक प्रशासन को उन्हें ऑपरेट ना किए जाने के लिए लिखित निर्देश जारी कर दिए गए हैं. बता दें कि आयकर विभाग के छापों पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की उप सचिव सौम्या चौरसिया के पति सौरव मोदी ने केंद्रीय एजेंसियां पर उन्हें जानबूझकर परेशान करने का आरोप लगाया था. जबकि आयकर विभाग का कहना है कि जिस किसी के यहां छापेमारी हुई है उसके बारे में आरंभिक तौर पर पर्याप्त सबूत उनके पास मौजूद थे. जल्द ही इन लोगों को पूछताछ के लिए भी तलब किया जाएगा.
अधिकारी ने कहा कि एक बड़ा घोटाला है जिसमें हवाला का धन भी शामिल है. माना जा रहा है कि आयकर विभाग की रिपोर्ट के बाद कुछ और केंद्रीय जांच एजेंसियां इस बारे में विभिन्न आपराधिक धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज कर सकती हैं.
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