नासिक: नोटबंदी के बाद काले धन की तलाश में आयकर विभाग की छापेमारी देश भर में चल रही है. महाराष्ट्र में नासिक के त्रयंबकेश्वर मंदिर के दो बड़े पुजारियों पर भी आयकर विभाग ने छापेमारी की है.


रविवार से जारी है दोनों पुरोहितों पर छापेमारी


देश के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक नासिक के त्रयंबकेश्वर मंदिर में देश विदेश से सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं. मंदिर में पूजा पाठ के लिए ज्यादातर लेनदेन कैश में होता है. नोटबंदी से पहले मंदिर के पुजारियों की आय पर कोई सवाल नहीं उठते थे, लेकिन नोटबंदी के बाद मंदिर के दो बड़े पुरोहित इनकम टैक्स विभाग के रडार पर आ गए हैं.



छापेमारी में बड़े पैमाने पर अघोषित संपत्ति मिलने की उम्मीद


दोनों पुरोहित गणपति शिखरे और निषाद चांदवडकर के यहां इनकम टैक्स विभाग ने छापेमारी की है, ये कार्रवाई रविवार दोपहर से चल रही है. इस कार्रवाई में बड़े पैमाने पर अघोषित संपत्ति मिल सकती है.


त्रयंबकेश्वर मंदिर में कई पूजाएं कराई जाती हैं


त्रयंबकेश्वर मंदिर में रोज 500 से एक हजार लोग पूजा कराते हैं. जिसके लिए नकद में दक्षिणा ली जाती है और दान में सोने-चांदी के नाग भी मिलते हैं जो पुजारियों के पास जाता है. पुरोहितों की आलीशान प्रॉपर्टी और अमीरी की वजह से ये कारवाई की गयी है.



पुरोहितों को मिलती है सारी दक्षिणा


त्रयंबकेश्वर मंदिर देशभर में नारायण नागबली और कालसर्प दोष की पूजा के लिए मशहूर है. इन पूजाओं के लिए तीन हजार से लेकर एक लाख रुपए तक पैसे दक्षिणा के रूप में लिए जाते हैं. पूजा का पेमेंट पूरा नकद में होता है. यही वजह है कि इनकम टैक्स विभाग की नजर मंदिर के दो पुरोहितों पर पड़ी.



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