IT के निशाने पर कार खरीदने वाले, सही कमाई नहीं बताई तो बढ़ सकती हैं मुश्किलें
नई दिल्ली: नोटबंदी के बाद कैश में कार खरीदने वाले इनकम टैक्स के निशाने पर हैं. इनकम टैक्स विभाग हैरान हैं कि हर साल 25 लाख कार खरीदी जाती हैं, लेकिन 10 लाख से ऊपर अपनी सालाना कमाई बताने वाले सिर्फ 24 लाख हैं.
इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के मुताबिक, देश में सिर्फ 24 लाख लोगों ने ही अपनी सालाना कमाई 10 लाख रुपये से ज्यादा बताई है. लेकिन देश में हर साल 25 लाख नई कारें खरीदी जाती हैं. जिसमें 35 हजार लग्जरी कारें भी शामिल हैं. ऐसा पिछले 5 साल से हो रहा है.
सिर्फ 48 हजार 417 लोगों ने अपनी सालाना आय एक करोड़ से ज्यादा बताई है, लेकिन हर साल देश में 35 हजार बीएमडब्ल्यू, जगुआर, ऑडी, मर्सेडीज और पॉर्श जैसी महंगी गाड़ियां खरीदी जा रही हैं.
देशभर में सिर्फ 3 करोड़ 65 लाख लोग ही इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करते हैं. यानी बहुत से ऐसे लोग भी हैं जिनकी आय अधिक है, लेकिन वो इनकम टैक्स नहीं दे रहे हैं. टैक्स देने वाले तीन करोड़ 65 लाख लोगों में से सिर्फ साढ़े पांच लाख लोगों ने ही पांच लाख से ज्यादा का टैक्स चुकाया है.
ये आंकड़े आपको इसलिए बताए जा रहे हैं, क्योंकि अगर आपके पास कार है या कार खरीदने जा रहे हैं तो आपको अलर्ट रहने की जरूरत है. अगर आपने इनकम टैक्स रिटर्न नहीं भरा है, अपनी सही कमाई नहीं बताई है तो आप मुसीबत में फंस सकते हैं.
क्योंकि नोटबंदी के बाद इनकम टैक्स विभाग ऐसे लोगों पर नजर रख रहा है, जिनके पास कार है और वो इनकम टैक्स के दायरे से बाहर हैं, विभाग ऐसे लोगों को नोटिस भेज सकता है.
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