Income Tax Portal: आयकर पोर्टल में समस्याओं को लेकर वित्त मंत्री ने की इन्फोसिस के सीईओ से मुलाकात
आयकर विभाग के नए पोर्टल में आ रही दिक्कतों को लेकर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इन्फोसिस के मुख्य कार्यपालक अधिकारी सलिल पारेख के समक्ष उठाया.
नई दिल्ली: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को आयकर विभाग के नए पोर्टल में आ रही दिक्कतों के मुद्दे को इन्फोसिस के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) सलिल पारेख के समक्ष उठाया. इन्फोसिस ने ही इस पोर्टल को तैयार किया है.
वित्त मंत्री ने अपने कार्यालय में इन्फोसिस के सीईओ के साथ मुलाकात के दौरान यह मुद्दा उठाया कि करीब ढाई महीने बीत जाने के बाद भी पोर्टल सुचारू तरीके से काम क्यों नहीं कर रहा है. समझा जाता है कि पारेख और उनकी टीम ने इस मुद्दे को हल करने की रूपरेखा सौंपी है. आयकर विभाग ने रविवार को एक ट्विटर पोस्ट में कहा था कि वित्त मंत्री ने पारेख को तलब किया है और उनसे समस्याओं पर चीजें स्पष्ट करने को कहा गया है.
वित्त मंत्री ने दूसरी बार पोर्टल के मुद्दे पर इन्फोसिस की टीम से चर्चा की है
यह पोर्टल सात जून से शुरू हुआ था. वहीं 21 से 22 अगस्त देर शाम पोर्टल पहुंच से दूर था. इन्फोसिस ने कहा कि ‘आपात रखरखाव’ की वजह से पोर्टल उपलब्ध नहीं हुआ. बाद में दिख गया. यह दूसरा मौका है जबकि वित्त मंत्री ने पोर्टल के मुद्दे पर इन्फोसिस की टीम से चर्चा की है. इससे पहले 22 जून को उन्होंने इन्फोसिस के मुख्य परिचालन अधिकारी (सीओओ) प्रवीन राव से इस मुद्दे पर बातचीत की थी.
इन्फोसिस द्वारा विकसित नया आयकर पोर्टल ‘डब्ल्यूडब्ल्यूडब्ल्यू.इनकमटैक्स.जीओवी.इन’ को सात जून को शुरू किया गया था. शुरुआत से ही पोर्टल को लेकर दिक्कतें आ रही हैं. प्रयोगकर्ता लगातार इस बात की शिकायत कर रहे हैं कि या तो पोर्टल नहीं मिलता है या काफी धीमी रफ्तार से काम कर रहा है.
फॉर्म जमा करने की तारीख को आगे बढ़ाया है
इसी के मद्देनजर आयकर विभाग ने रेमिटेंस फॉर्म को मैनुअल तरीके से दाखिल करने की अनुमति दी है. साथ ही इलेक्ट्रॉनिक तरीके से फॉर्म जमा करने की तारीख को आगे बढ़ाया है. आयकर विभाग ने ट्वीट किया, ‘‘वित्त मंत्रालय ने इन्फोसिस के प्रबंध निदेशक एवं सीईओ सलिल पारेख को 23 अगस्त को तलब किया है. पारेख को वित्त मंत्री के समक्ष बताना होगा कि कैसे इस ई-फाइलिंग पोर्टल में समस्याएं जारी हैं. 21 अगस्त से तो यह पोर्टल उपलब्ध ही नहीं है.
इन्फोसिस को पोर्टल के विकास के लिए 164.5 करोड़ रुपये का भुगतान
इन्फोसिस को अगली पीढ़ी की आयकर दाखिल करने वाली प्रणाली विकसित करने का अनुबंध 2019 में मिला था. इसका उद्देश्य तहत रिटर्न के प्रसंस्करण की अवधि को 63 दिन से घटाकर एक दिन करना था. जून, 2021 तक सरकार ने इन्फोसिस को पोर्टल के विकास के लिए 164.5 करोड़ रुपये का भुगतान किया है.
इन्फोसिस इंडिया की बिजनेस यूनिट के ट्विटर हैंडल इन्फोसिस इंडिया बिजनेस ने रविवार को ट्वीट में कहा कि आयकर विभाग का पोर्टल आपात रखरखाव में है. जब यह पोर्टल फिर उपलब्ध होगा हम इसकी जानकारी करदाताओं को उपलब्ध कराएंगे। इस असुविधा के लिए हमें खेद है.
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