(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
सेस बढ़ने से अल्कोहल और कारों की कीमत नहीं होंगी प्रभावित, वित्त सचिव अजय भूषण पांडे ने बताया
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट में मादक पेय पदार्थों पर 100 फीसदी एआईडीसी उपकर की घोषणा की थी और ऑटो घटकों पर सीमा शुल्क वृद्धि की भी बात कही गई थी. कृषि सेस किसी भी प्रकार से अल्कोहल पेय पदार्थों को प्रभावित नहीं करेगा.
नई दिल्लीः केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने एक फरवरी को संसद में बजट पेश किया है. बजट में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मादक पेय पदार्थों पर 100 फीसदी एआईडीसी उपकर की घोषणा की थी. जिस पर बात करते हुए वित्त सचिव अजय भूषण पांडे ने बताया है कि कृषि सेस किसी भी प्रकार से अल्कोहल पेय पदार्थों को प्रभावित नहीं करेगा. साथ ही सीमा शुल्क में बढ़ोत्तरी से कार की कीमत पर भी कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा.
अल्कोहल की कीमत नहीं बढ़ेगी
वित्त सचिव अजय भूषण पांडे ने बुधवार को न्यूज एजेंसी एएनआई से बात करते हुए बताया कि एग्रीकल्चर इन्फ्रास्ट्रक्चर एंड डेवलपमेंट सेस (AIDC), केंद्रीय बजट 2020-21 में घोषित नए सेस में अल्कोहल पेय पदार्थों की कीमत में वृद्धि नहीं होगी. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि ऑटो घटकों पर सीमा शुल्क वृद्धि का कारों और बाइक की कीमतों पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा.
वित्त सचिव अजय भूषण पांडे ने बताया कि "कृषि क्षेत्र में बुनियादी ढांचे को बढ़ावा देने के लिए, इस बजट में महत्वपूर्ण एग्रीकल्चर इन्फ्रास्ट्रक्चर एंड डेवलपमेंट सेस (AIDC) को प्रस्तावित किया गया है. हमने ध्यान रखा है कि यह सेस न्यूनतम संख्या में वस्तुओं पर लागू हो. वस्तुओं की कुल श्रेणी 15 से अधिक नहीं होगी.'
ऑटो पार्ट्स के घरेलू विनिर्माण को मिलेगा बढ़ावा
अजय भूषण का कहना है कि 'हमने एग्रीकल्चर इन्फ्रास्ट्रक्चर एंड डेवलपमेंट सेस (AIDC) को प्रस्तावित करने के साथ ही यह भी सुनिश्चित किया है कि उपभोक्ता पर किसी प्रकार का बोझ न बढ़े. इस उद्देश्य को प्राप्त करने के लिए, इन वस्तुओं पर मौजूदा करों को कम कर दिया गया है और इसे इस सेस से बदल दिया गया है.'
इसके साथ ही अजय भूषण पांडे ने कहा कि ऑटो घटकों पर सीमा शुल्क में मामूली वृद्धि की गई है. उनका कहना है कि यह सीमांत वृद्धि इस उद्योग की योजना को प्रभावित या परेशान करने वाली नहीं है. इससे ऑटो पार्ट्स के घरेलू निर्माताओं को बढ़ावा मिलेगा. ऑटो पार्ट्स के घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए, ऑटो पार्ट्स पर सीमा शुल्क में मामूली वृद्धि की गई है ताकि ऑटो निर्माताओं और ऑटो पार्ट्स निर्माताओं के हितों के बीच संतुलन बना रहे.
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