JNU : साइकिल से घूमकर सामान बेचते हैं पिता, फीस बढ़ने के बाद अब कैसे हो पाएगी पढ़ाई?
जेएनयू में इन दिनों छात्रों को फीस बढ़ोतरी का सामना करना पड़ रहा है. जिससे गरीब परिवार से आने वाले मेधावी छात्रों की परेशानियों में इजाफा हो गया है.
नई दिल्ली: जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में इन दिनों छात्र और प्रशासन आमने-सामने हैं. यूनिवर्सिटी में फीस वृद्धि और ड्रेस कोड जैसी पाबंदियों के खिलाफ छात्र विश्वविद्यालय प्रशासन के खिलाफ लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं. छात्रों की मांग है कि विश्वविद्यालय ने फीस में जो बढ़ोतरी की है उसे तत्काल वापस लिया जाए. वहीं दूसरी तरफ गरीब परिवार से आने वाले मेधावी छात्रों की परेशानियां तो और भी बढ़ गईं हैं.
यूनिवर्सिटी में कुछ छात्रों से एबीपी न्यूज ने बात की और छात्रों से फीस बढ़ोतरी के बारे में बताया. उन्हीं में से एक छात्र हैं विवेक. विवेक गया बिहार के रहने वाले हैं. पिता अरविंद कुमार साईकल पर फिनाइल, प्लास्टिक का ब्रश, चिमटी और दूसरा समान गली गली बेचते हैं. माता जी का निधन 2014 में इलाज के अभाव के चलते हो गया था. भाई भी अभी छोटा है. इसलिए पूरे परिवार का खर्च पिता ही उठाते हैं. खर्चा तो क्या उठाना बस दाल रोटी ही मुश्किल से खा पाते है. पिता की सालाना इनकम करीब 1 लाख 8 हजार रुपये है. ऐसे में फीस बढ़ोतरी के बाद उन्हें अपने बेटे को जेएनयू में पढ़ाना खासा मुश्किल साबित हो रहा है.
विवेक मेधावी छात्र हैं इसलिए जेएनयू में ग्रेजुएशन में एडमिशन हो गया फिर आगे एमए, जर्मन लिटरेचर में एडमिशन मिल गया. पीएचडी करना चाहते थे लेकिन अब शायद पढ़ाई हो छोड़नी पड़े क्योंकि पहले होस्टल, मेस और दूसरे खर्चे 3 हजार रुपए तक में पूरे हो जाते थे. जिसमे भी दो हजार रुपए स्कॉलरशिप में मिल जाते थे. लेकिन अब ये खर्चा बढ़कर 8 से 9 हजार रुपये तक हो गया है. पिता पहले ही हाथ खड़े कर चुके हैं. विवेक का कहना है कि अब समझ नहीं आ रहा की आगे क्या करें.
विवेक कुमार
पिता अरविंद कुमार, फेरी का काम करते है.
घर में पिता के अलावा बहन है.
माता जी का 2014 में इलाज के अभाव में निधन हुआ.
2016 में एडमिशन ग्रेजुएशन, फिर मास्टर किया.
पहले का खर्च 2500 से 3 हजार प्रति माह
अब का खर्च 8 से 9 हजार प्रति माह
पिता की सालाना कमाई 1 लाख 8 हजार.
इन फीस में हुई है बढ़ोतरी
बता दें कि जेएनयू प्रशासन ने जिन फीस में बढ़ोतरी की है उनमें वन टाइम सिक्योरिटी चार्ज (रिफंडेबल) फीस, सर्विस चार्ज और रूम रेंट (सिंगल और डबल प्रमुख) हैं. वन टाइम सिक्योरिटी चार्ज (रिफंडेबल) फीस जो कि पहले 5500 रुपये थी उसे बढ़ाकर अब 12 हजार रुपये कर दिया गया है. इसी के साथ सर्विस चार्ज की बात करें तो यह पहले शून्य था लेकिन इसे अब बढ़ाकर 1700 रुपये महीने कर दिया गया है.
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