रोहिंग्या मामला: सरकार ने सुरक्षा बलों को बांग्लादेश, म्यांमार बॉर्डर पर चौकसी बढ़ाने का दिया आदेश
गृह मंत्रालय ने एक पत्र में 4096 किलोमीटर लम्बी भारत-बांग्लादेश सीमा पर तैनात सीमा सुरक्षा बल और 1643 किलोमीटर लम्बी भारत-म्यांमार सीमा की सुरक्षा में तैनात असम राइफल्स से चौकसी बढ़ाने के लिए कहा है.
नई दिल्ली: सरकार ने बांग्लादेश और म्यांमार के साथ लगी भारत की सीमाओं पर तैनात सुरक्षा बलों को अलर्ट किया. सरकार ने रोहिंग्या मुस्लिमों के देश में घुसने के प्रयासों को विफल करने के लिए अतिरिक्त चौकसी बरतने के लिए कहा है. गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने यह जानकारी दी.
गृह मंत्रालय ने एक पत्र में 4096 किलोमीटर लम्बी भारत-बांग्लादेश सीमा पर तैनात सीमा सुरक्षा बल और 1643 किलोमीटर लम्बी भारत-म्यांमार सीमा की सुरक्षा में तैनात असम राइफल्स से चौकसी बढ़ाने के लिए कहा है. गृह मंत्रालय के अधिकारी ने कहा कि दोनों सीमाओं की सुरक्षा में तैनात सुरक्षा बलों को अतिरिक्त सतर्कता बरतने के लिए कहा है ताकि कोई भी अवैध प्रवासी भारत में न घुस सके.
सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया है कि रोहिंग्या अवैध प्रवासी है और इनमे से कुछ पाकिस्तान की गुप्तचर एजेंसी आईएसआई और आईएसआईएस जैसे आतंकवादी संगठनों के भयावह मंसूबे का हिस्सा है. सरकार ने कहा कि देश में इनकी मौजूदगी राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए एक गंभीर खतरा है. सरकार ने नौ अगस्त को संसद को बताया था कि यूएनएचसीआर के साथ रजिस्टर्ड 14 हजार से अधिक रोहिंग्या भारत में रह रहे है.
हालांकि सहायता एजेंसियों का अनुमान है कि देश में लगभग 40 हजार रोहिंग्या मुस्लिम है. पश्चिमी म्यांमार में रोहिंग्या अल्पसंख्यक मुस्लिम है और इनके गांवों पर सुरक्षा बलों के अभियान के बाद ये अपने घरों को छोड़कर भागे थे.