इंदौर: देश में कोरोना वायरस से सबसे प्रभावित शहरों में इंदौर में प्रशासन ने दिखया सख्त रूख. प्रशासन ने इस महामारी को लेकर फर्जी खबरों, भड़काऊ संदेशों और अफवाहों पर रोक लगाने के लिये सोशल मीडिया पर नकेल कस दी है. अधिकारियों ने बताया कि जिलाधिकारी मनीष सिंह ने बाकायदा लिखत आदेश जारी किया है. जिसमें वॉट्सऐप समूहों के एडमिन को निर्देशित किया है कि फिलहाल वे अपने समूहों को केवल स्वयं की पोस्ट के लिये सीमित कर लें.


सोशल मीडिया पर नजर रखने वाले लोगों का कहना है कि प्रशासन के इस आदेश के बाद जिले के हजारों वॉट्सऐप समूहों की सैटिंग में बदलाव किया गया है. अब इस प्लेटफॉर्म पर ग्रुप एडमिन ही केवल पोस्ट डाल सकते हैं. प्रशासन के एक अधिकारी ने कहा, "कोविड-19 के प्रकोप से निपटने में लगे सरकारी अफसरों को सोशल मीडिया पर फर्जी खबरों, भड़काऊ संदेशों और अफवाहों की बाढ़ के चलते कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा था. उम्मीद है कि वॉट्सऐप समूहों को लेकर जिलाधिकारी के आदेश के बाद इस माध्यम के जरिये गलत सूचनाओं के प्रसार पर रोक लगाने में मदद मिलेगी."




पुलिस अधीक्षक (एएसपी) राजेश दंडोतिया ने बताया कि कोरोना वायरस संक्रमण को लेकर सोशल मीडिया पर अफवाहों से भरे भड़काऊ संदेश फैलाने के आरोप में शहर के दो थानों में भारतीय दंड विधान और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम के संबद्ध प्रावधानों के तहत अलग-अलग मुकदमें दर्ज की गये हैं. इन मामलों में अलग-अलग वॉट्सऐप समूहों के दो ग्रुप एडमिन समेत 3 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है.


इंदौर में इस महामारी से पीड़ित मरीजों की संख्या बढ़कर 151 पर पहुंच गयी है. इनमें से 13 लोगों की इलाज के दौरान मौत हो चुकी है. कोरोना वायरस के मरीज मिलने के बाद से प्रशासन ने 25 मार्च से शहरी सीमा में कर्फ्यू लगा रखा है.


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