पंजाब में किसानों का अनिश्चितकालीन रेल रोको आंदोलन जारी, कांग्रेस मनाएगी 'किसान-मजदूर बचाओ दिवस'
गांधी जयंती के मौके पर कांग्रेस के कार्यकर्ता हर जिले में धरना देंगे. वहीं किसान कानूनों के खिलाफ 31 किसान संघ एकजुट होकर 1 अक्टूबर से अनिश्चितकाल के लिए रेल रोको आंदोलन पर हैं.
नई दिल्ली: नए कृषि कानूनों के खिलाफ अपना प्रदर्शन तेज करते हुए पंजाब के किसानों ने गुरुवार से अनिश्चितकालीन ‘रेल रोको’ आंदोलन शुरू करते हुए राज्य में कई जगहों पर ट्रेन की पटरियों को अवरुद्ध कर दिया. इसके अलावा किसानों ने बताया कि वे बीजेपी के कई नेताओं के घरों के बाहर धरना भी दे रहे हैं. इन कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन तेज करने के लिए 31 किसान संघ एकजुट हुए हैं और उन्होंने एक अक्टूबर से अनिश्चितकाल के लिए रेल रोको आंदोलन चलाने की घोषणा की है.
वहीं, संसद से पास कृषि बिलों के मुद्दे पर मोदी सरकार के खिलाफ कांग्रेस पार्टी आज गांधी जयंती के दिन को 'किसान-मजदूर बचाओ दिवस' के रूप में मनाएगी जिसके तहत हर जिले में कांग्रेस कार्यकर्ता धरना देंगे. बता दें कि कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने सभी कांग्रेस शासित राज्यों से अपील की है कि वे कानून पारित करके इन अत्याचारी विधानों को दरकिनार करने की संभावनाएं तलाशें ताकि केंद्र द्वारा किसानों पर हो रहे घोर अन्याय को रोका जा सके.
भारतीय किसान यूनियन (एकता उग्राहन) के महासचिव सुखदेव सिंह कोकरीकलां ने गुरुवार को कहा कि नए कृषि कानूनों को वापस लेने के लिए केन्द्र पर दबाव बनाने के लक्ष्य से 31 किसान संघों के किसानों ने राज्य में कई जगहों पर ट्रेन की पटरियों को अनिश्चितकाल के लिए अवरूद्ध कर दिया है. उन्होंने बताया कि उनके संघ ने ढाबलां (पटियाला), सुनाम (संगरुर), बुल्ढ़ाना (मानसा) और गिद्दरबाहा (मुक्तसर) में पटरियां अवरूद्ध की हैं. अन्य किसान संघों ने बरनाला, लुधियाना, भटिंडा और अन्य जगहों पर ट्रेनों का रास्ता अवरुद्ध किया है.
किसान मजदूर संघर्ष समिति के बैनर तले किसान 24 सितंबर से ही अमृतसर और फिरोजपुर में पटरियों पर बैठे हुए हैं. कोकरीकलां ने बताया कि किसान संगरुर, बरनाला, मोगा और गुरदासपुर में टोल प्लाजा पर धरना दे रहे हैं, वे कुछ कॉरपोरेट हाउसों के पेट्रोल पंपों और शॉपिंग मॉल के बाहर भी धरना दे रहे हैं. किसानों ने राज्य में कुछ कॉरपोरेट हाउसों और उनकी बनायी चीजों का बहिष्कार करने का ऐलान किया है. किसानों का कहना है कि केन्द्र सरकार इन काले कानूनों के जरिए कुछ कॉरपोरेट हाउसों को लाभ पहुंचाना चाहती है. बीकेयू(दाकुंडा) के महासचिव जगमोहन सिंह ने कहा कि नए कानूनों के विरोध में किसानों के 31 संगठन 27 जगह पर धरना दे रहे हैं.
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