नई दिल्ली: आज देश 74वां स्वतंत्रता दिवस मना रहा है. इस मौके पर लाल किले के प्राचीर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सातवीं बार देश को संबोधित करेंगे. कोरोना वायरस महामारी के कारण इस बार स्वतंत्रता दिवस के कार्यक्रम में कई बदलाव भी किए गए हैं. आइये जानें कि इस साल का कार्यक्रम हर साल से कितना अलग होगा.


कार्यक्रम में मास्क लगाए नज़र आएंगे सभी लोग


इस साल स्वतंत्रता दिवस के मुख्य समारोह में 800 की जगह महज़ 100 मेहमान ही ऊपर बैठ पाएंगे. कोरोना प्रोटोकॉल के तहत यह फैसला लिया गया है. वहीं सबसे बड़ा बदलाव ये होगा कि प्रधानमंत्री समेत लालकिले पर मौजूद सभी अतिथि और अन्य लोग मास्क लगाए नज़र आएंगे. लाल किले पर होने वाले औपचारिक समारोह की शुरुआत से पहले हर साल की तरह पीएम राजघाट पहुंचकर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि देंगे. पीएम सुबह 7.06 बजे राजघाट पहुंचेंगे. राजघाट पर सोशल डिस्टेंसिंग के प्रोटोकॉल का सख़्ती से पालन किया जाएगा. पीएम के आने के एक घन्टा पहले राजघाट को पूरी तरह सैनिटाइज किया जाएगा. सैनिटाइज़ होने के बाद किसी को भी राजघाट परिसर में अंदर जाने की इजाज़त नहीं मिलेगी. राजघाट पर पीएम मोदी 8 मिनट रुकने के बाद 7.14 बजे लालकिला के लिए रवाना हो जाएंगे. राजघाट से निकलकर सुबह 7.18 बजे पीएम मोदी लालकिला पहुंचेंगे.


महामारी के चलते इस बार लालकिले का नज़ारा बिल्कुल बदला बदला सा नज़र आने वाला है. प्रधानमंत्री के लाल किला पहुंचने के बाद उनकी अगुवाई रक्षा मंत्री, रक्षा राज्य मंत्री, रक्षा सचिव और सेना के जनरल ऑफिसर कमांडिंग (दिल्ली एरिया) करते हैं. स्वागत करते वक्त चारों गणमान्य प्रधानमंत्री का नमस्कार और हाथ मिलाकर अभिवादन करते हैं. इसके बाद पीएम लालकिले की प्राचीर पर जाते वक़्त तीनों सेनाओं के प्रमुखों की भी सलामी लेने के अलावा हाथ मिलाते हैं, लेकिन इसबार ऐसा नहीं हो पाएगा.


कोरोना के चलते कोई नहीं मिलाएगा एक दूसरे से हाथ


इस बार हाथ मिलाने की पूरी तरह मनाही रहेगी. प्रधानमंत्री ठीक 7.30 बजे क़िले की प्राचीर से तिरंगा फहराएंगे, जिसके बाद उनका भाषण शुरू होगा. लालकिले की प्राचीर पर जहां ध्वजारोहण करने के बाद प्रधानमंत्री राष्ट्र को सम्बोधित करते हैं, उसके दोनों तरफ हर साल करीब 800 विशिष्ट मेहमानों के बैठने के लिए कुर्सियां लगाई जाती हैं. इनमें केंद्र सरकार के मंत्री, चीफ जस्टिस और सभी देशों के राजदूतों और उच्चायुक्तों के अलावा केंद्र और दिल्ली सरकार के चुनिंदा अधिकारी शामिल होते हैं. कोरोना से जुड़े प्रतिबंधों के चलते इस बार भाषण मंच के दोनों तरफ सिर्फ 100-125 लोगों के बैठने की व्यवस्था की जाएगी.


ज़ाहिर है इस कटौती के चलते कई गणमान्य लोगों को आमंत्रित नहीं किया जाएगा. इन सभी अतिथियों को कहा गया है कि अगर पिछले 14 दिनों में कोरोना का कोई भी लक्षण दिखा हो तो समारोह में ना आएं. भाषण मंच के सामने लालकिला के मैदान में हर साल दिल्ली के अलग अलग स्कूलों के 4,200 बच्चों को तिरंगा के तीनों रंगों के कपड़ों में बैठाया जाता है. लेकिन कोरोना महामारी के कारण इस साल कार्यक्रम में बच्चों को नहीं बुलाया गया है.


इस साल कार्यक्रम में 4,200 बच्चों की जगह सिर्फ 500 एनसीसी कैडेटों को ही बैठाया जाएगा. दूसरे सोशल डिस्टेंसिंग के प्रोटोकॉल के चलते इन बच्चों से पीएम उस तरह से घुल मिल कर मुलाक़ात नहीं कर पाएंगे जैसा पहले से करते आए हैं. कोरोना से खौफ और उससे सतर्कता का आलम ये है कि छोटी छोटी बातों का भी ख़्याल रखा जा रहा है. यही वजह है कि जिन पुलिसवालों और सुरक्षाकर्मियों की उस दिन कार्यक्रम में ड्यूटी लगाई गई है उन्हें पिछले 14 दिनों से क्वारन्टीन किया गया है. इन सभी जवानों को कोरोना जांच में निगेटिव आने के बाद ही ड्यूटी पर लगाया जाएगा. सूत्रों के मुताबिक़ हर जवान के बदले एक जवान को स्टैंड बाई पर रखा गया है, जिससे अचानक ज़रूरत पड़ने पर दिक्कत ना हो.