Big Decisions In Independent India: भारत 1947 में अंग्रेजों की गुलामी से आजाद हुआ था. पूरा देश स्वतंत्रता के 75वें साल का जश्न मना रहा है. इन 75 सालों में भारत दुनियां के नक्शे पर एक ताकतवर देश बनकर उभरा. आजादी के बाद देश में कई ऐसे फैसले भी हुए जिनकी वजह से देश के राजनीतिक,सामाजिक,आर्थिक और न्यायिक क्षेत्र में बड़े बदलाव दिखाई दिए. आजाद भारत में लिए गए ऐसे ही 10 बड़े फैसलों के बारे में हम आपको बताएंगे-
1-पहला संविधान संशोधन(जोड़ी गई 9वीं अनुसूची)-
इसके जरिए भूमि सुधार से संबंधी कानून बनाए और उन्हें नौवीं अनुसूची में डाल दिया गया, जिससे कि उन कानूनों को न्यायिक समीक्षा से बचाया जा सके. इसके द्वारा भूमिहीनों के कल्याण के काम में काफी मदद मिली. यह एक ऐतिहासिक बदलाव था.
2-बैंकों का राष्ट्रीयकरण (1969)-
1969 में इंदिरा गांधी सरकार ने 14 बड़े निजी बैंकों का राष्ट्रीयकरण किया. जिससे बैंकों को जनकल्याण के काम के लिए प्रोत्साहित किया गया. इसके बाद 1980 में भी कई बैंको का राष्ट्रीयकरण किया गया.
3- केशवानंद भारती वाद(1973)-
इसके द्वारा संविधान के मौलिक ढांचे से संबंधित फैसला दिया गया. जिसके तहत यह निर्णय स्थापित किया गया कि संविधान के मूल ढांचे में किसी तरह से छेड़छाड़ नहीं की जा सकती. कोई भी कानून संविधान के मौलिक ढांचे में छेड़छाड़ की हद तक निष्क्रिय माना जाएगा.
4-आपातकाल(1975)-
इंदिरा गांधी ने आपातकाल लगाया थआ. यह भारत के लोकतांत्रिक इतिहास के लिए एक बुरा फैसला था. जिसके विरोध में देशभर में विपक्षी नेताओं के द्वारा गिरफ्तारियां दी गई . इस फैसले के बाद देश में लोकतांत्रिक अधिकारों के प्रति लोगों में जागरुकता बढ़ी.
5- मतदान की उम्र 18 साल (1989)-
मतदान की उम्र घटाकर 18 साल कर दी गई. इससे देश की बहुत बड़ी युवा जनसंख्या को मतदान कर सरकार चुनने का अधिकार मिल गया और देश लोकतांत्रिक भागीदारी का भी प्रसार हुआ.
6- आर्थिक उदारीकरण(1991)-
वित्त मंत्री मनमोहन सिंह के नेतृत्व में यह ऐतिहासिक फैसला लिया गया. इसके जरिए भारतीय बाजार को पूरी दुनियां के लिए खोल दिया गया. यह भारत की आर्थिक संवृद्धि का एक बड़ा कारण बना.
8- ओबीसी आरक्षण (1990)-
वीपी सिंह सरकार के द्वारा ओबीसी आरक्षण को लेकर 'मंडल कमीशन' की सिफारिशों को लागू कर दिया गया. जिससे देश की बड़ी आबादी को नौकरियों में प्रतिनिधित्व मिलने लगा.
9-नरेगा/मनरेगा (2005 और 2009)-
हर हाथ रोजगार की सोच के साथ 2005 में नरेगा लाया गया. 2 अक्टूबर 2009 को इसका नाम 'महात्मा गांधी' के नाम पर मनरेगा किया गया. यह बहुत ऐतिहासिक योजना है,जो ग्रामीण भारत की गरीबी को खत्म करने में अहम भूमिका निभा रही है.
10-जीएसटी 2017-
अलग-अलग अप्रत्यक्ष करों का एकीकरण करने के लिए जीएसटी लागू की गई. यह भी एक बड़ा फैसला था जिसमें टैक्स की दरों को अलग-अलग स्लॉट बनाकर निर्धारित किया गया.