Independence Day: दुनिया को अपना मुरीद बनाने वाले अवनीन्द्र नाथ टैगोर, जिनकी चित्रकारी देख अंग्रेज भी नतमस्तक हुए
अवनीन्द्रनाथ टैगोर ने चित्रकारी के अलावा साहित्य लेखन में नाम कमाया. उन्होंने बूड़ो अंगला,नलक,राजकहानी जैसी पुस्तकें लिखीं. 5 दिसंबर 1951 को इस अवनीन्द्रनाथ टैगोर का निधन हो गया.
Azadi Ka Amrit Mahotsav: हमारे देश में कला के जानकारों और उसके कद्रदानों की कभी भी कमी नहीं रही. हिंदुस्तान साहित्य और चित्रकला के क्षेत्र में प्राचीन समय से ही समृद्ध रहा है. भीमबेटका में मिली दुनिया की सबसे प्राचीन गुफा चित्रकारी से लेकर मुगल काल में जहांगीर के शासन के दौरान तक भारत में चित्रकला अपने चरम पर थी.
ब्रिटिश शासन के वक्त चित्रकारी कला के स्वरूप में काफी परिवर्तन आया. इस दौर में कई ऐसे महान चित्रकार हुए जिन्होंने अपनी कला का परचम पूरी दुनिया में फहराया. जिनके बनाए चित्रों ने आजादी की लड़ाई में एकता और देशभक्ति के भाव को मजबूत करने में योगदान दिया. ऐसे ही एक महान चित्रकार थे अवनींद्रनाथ टैगोर. अपने इस आर्टिकल में हम उनकी चित्रकारी और आजादी की लड़ाई में उनके योगदान के बारे में आपको बताएंगे-
अवनीन्द्रनाथ टैगोर के बारे में-
अवनींद्रनाथ टैगोर 7 अगस्त 1871 को जोड़ासाँको, कलकत्ता (अब कोलकाता) में जन्मे थे. आपको यह जानकारी भी दिलचस्प लगेगी कि रिश्ते में अवनींद्रनाथ टैगोर,रवीन्द्रनाथ टैगोर के भतीजे थे. जाहिर है कि इनके परिवार में कला,लेखन और अन्य सांस्कृतिक गतिविधियों का माहौल पहले से ही था. जिसका असर अवनीन्द्रनाथ टैगोर पर पड़ा.
उन्होंने अपनी दिलचस्पी के अनुसार चित्रकारी करना शुरू कर दिया. हालांकि वह एक अच्छे लेखक भी थे. अवनीन्द्रनाथ टैगोर ने 'इंडियन सोसाइटी ऑफ ओरिएंटल आर्ट' की स्थापना की थी और 'बंगाल स्कूल ऑफ आर्ट' की स्थापना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. जिसके चलते आधुनिक भारतीय चित्रकला का विकास हुआ.
बने आधुनिक भारत के महान चित्रकार-
अवनीन्द्रनाथ टैगोर की चित्रकारी की ख्याति भारत ही नहीं दुनिया के दूसरे देशों में भी पहुंच गई थी. उनकी चित्रकारी 'अरब रात की श्रृंखला' ने वैश्विक स्तर पर इस कदर धूम मचाई कि चित्रकला के क्षेत्र में उनका नाम लोगों की जुबान पर चढ़ गया.
आपको यह जानकर हैरत होगी कि रवीन्द्रनाथ टैगोर से काफी पहले ही अवनींद्र नाथ टैगोर अपनी चित्रकारी के बलबूते यूरोप में बेहद लोकप्रिय हो चुके थे. अवनींद्रनाथ टैगोर की चित्रकारी में स्वदेशी मूल्यों को प्राथमिकता दी गई थी. उन्होंने पश्चिमी प्रभाव को भारतीय चित्रकला से कम किया.
भारत माता के चित्र ने जगाई देशभक्ति की अलख-
अवनींद्रनाथ टैगोर द्वारा बनाए गए चित्रों में मुगल चित्रकारी का काफी प्रभाव था. उनके द्वारा बनाए गए भारत माता के चित्र को बहुत लोकप्रियता मिली. यह चित्र आजादी की लड़ाई में एकजुटता के विचार को मजबूत करता है.
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