India-Pakistan: पाकिस्तान के स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर रविवार को वर्षों पुरानी चली आ रही बॉर्डर पर एक दूसरे को मिठाई देने की परंपरा का निर्वहन किया गया. अमृतसर से लगभग 30 किमी दूर बाघा-अटारी बॉर्डर पर पाकिस्तान रेंजर्स और बीएसएफ ने एक दूसरे को मिठाइयां बांटी. दरअसल भारत 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस मनाता है. इससे एक दिन पहले पाकिस्तान 14 अगस्त के दिन अपना स्वतंत्रता दिवस मनाता है. दोनों देशों के बीच खास मौकों पर बार्डर के सैनिक सेरेमनी का आयोजन करते आए हैं. जबकि दोनों देशों के बीच होने वाली रिट्रीट सेरेमनी को देखने के लिए हजारों लोग पहुंचते हैं. दोनों देशों के लोग सैनिकों का उत्साह बढ़ाने के लिए जोर शोर से नारे भी लगाते हैं. यह परंपरा भले ही पुरानी हो, लेकिन कभी-कभी युद्ध जैसे तनाव या अन्य कारणों से इन सेरेमनी का आयोजन रद्द कर दिया जाता है. 2022 में रविवार को पाकिस्तान के स्वतंत्रता दिवस पर मिठाई आदान-प्रदान करने की परंपरा सैनिकों ने निभाई.
रिट्रीट सेरेमनी का होता है आयोजन
अटारी-वाघा बार्डर पर हर रोज रिट्रीट सेरेमनी का आयोजन होता है. जबकि स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस के अवसर पर रिट्रीट सेरेमनी देखने लायक होती है. इस दिन की सेरेमनी में देश ही नहीं, विदेश से भी कई लोग शामिल होते हैं.
भारत मना रहा है आजादी का अमृत महोत्सव
भारत सरकार द्वारा देश में आजादी का अमृत महोत्सव मनाया जा रहा है. 75 साल पूरे होने के अवसर पर सरकार लोगों के साथ संस्कृति, उपलब्धियों और गौरवशाली इतिहास को एक सूत्र में पिरोते हुए जश्न मना रही है. यह महोत्सव उन लोगों के लिए संदर्भित है, जिन लोगों ने भारत के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन किया. इस महोत्सव की शुरुआत 12 मार्च 2021 को की गई थी.
पुरानी है परंपरा, लेकिन कई बार निभाई नहीं जाती
बॉर्डर पर सैनिक एक दूसरे को मिठाइयों का आदान प्रदान करते हैं. यह दोनों देशों के बीच पुरानी परंपरा है. हालांकि दोनों देशों के बीच जब तनाव के हालात रहते हैं तो इस परंपरा का निर्वहन नहीं किया जाता है. 2019 में पुलवामा हमले के चलते मिठाई का आदान प्रदान नहीं हुआ था. अटारी ज्वाइंट चेक पोस्ट ( जेसीपी) पर रिट्रीट सेरेमनी की भी परंपरा निभाई जाती है. यहां भारत माता के गगनभेदी जयघोष, वंदेमातरम और ढोल की थाप के साथ लोगों के बीच नारे गूंजते हैं. सीमा सुरक्षा बल के जवानों में एक अलग ही जोश होता है. दोनों देशों के हजारों लोग इस सेरेमनी को देखने के लिए भी पहुंचते हैं.
कब-कब रद्द की गई है सेरेमनी
1965 में पहली बार भारत-पाक युद्ध के चलते रिट्रीट सेरेमनी पहली बार रद्द की गई थी. 1971 में फिर से युदध के चलते इसे रद्द रखा गया. कारगिल युद्ध के चलते वर्ष 1999 में भी रिट्रीट सेरेमनी को रद्द कर दिया गया था. दिसंबर 2014 में पाक की ओर वाघा बॉर्डर पर हुए आत्मघाती हमले के बाद रिट्रीट सेरेमनी रद की गई थी. सितंबर 2016 में उड़ी हमले के बाद भारत ने सेरेमनी रद्द की थी.
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