Rank Of India In Global Indices: आजादी के 75 सालों में हिंदुस्तान ने कई क्षेत्रों में झंडे गाड़े हैं. भारत ना सिर्फ एक बड़ा बाजार ही है,बल्कि यह दुनियां की एक बड़ी आर्थिक ताकत भी बनकर उभरा है. कई क्षेत्रों में भारत विकसित देशों से मुकाबला कर रहा है,तो अभी भी कई क्षेत्रों में हमें आगे आने के जरूरत है. हर साल जारी किए जाने वाले अलग-अलग क्षेत्रों से संबंधित सूचकांकों को देखें तो भारत ने उल्लेखनीय प्रगति है. लेकिन कुछ सूचकांक ऐसे हैं जहां सुधार की जरूरत है. अपने इस आर्टिकल में हम अलग-अलग सूचकांकों में भारत की स्थिति पर नज़र डालेंगे-
ग्लोबल यूनिकॉर्न इंडेक्स - इसमें भारत की रैंक बहुत सराहनीय है. दुनियां के तमाम विकसित देशों को पीछे छोड़ते हुए भारत अमेरिका और चीन के बाद तीसरे स्थान पर है. गौरतलब है कि भारत की सरकार के द्वारा भी स्टार्टअप्स को बहुत सहयोग दिया जा रहा है. जिसके चलते देश में यूनिकॉर्न कंपनियों की संख्या लगातार बढ़ jही है.
ग्लोबल मैन्युफैक्चरिंग रिस्क इंडेक्स- इसमें भारत की रैंक दूसरी है. यह रोजगार और देश के तीव्र विकास के लिए बहुत ही सुखद है. इस इंडेक्स में भारत से आगे सिर्फ चीन है.
अल्टीमेट मिलिट्री स्ट्रेंग्थ इंडेक्स- भारत की चौथी रैंक है. भारत का मिलिट्री खर्च का बजट भी दुनियां के कई विकसित देशों से अधिक है.
विश्व प्रतिस्पर्धा सूचकांक- भारत की रैंक 37वीं है. 2022 में एशियाई देशों में भारत अन्य अर्थव्यवस्थाओं के मकाबले में सबसे तेज वृद्धि दर्ज करने वाला देश रहा. जिसमें भारत 43वें से 37वें स्थान पर पहुँच गया है,भारत के प्रदर्शन में बड़े सुधार का कारण आर्थिक क्षेत्र में वृद्धि है।
ग्लोबल हंगर इंडेक्स- इसमें भारत की 101वीं रैंक है. यह दर्शाता है कि भारत में बहुत बड़ी जनसंख्या ऐसी है जो भुखमरी का सामना कर रही है. यह हमारे देश के लिए चिंता का विषय है. भुखमरी को कम करने के लिए सरकार की ओर से कई योजनाएं चलाई जा रही हैं.
ग्लोबल इनोवेशन इंडेक्स- इसमें भारत की 46 वीं रैंक है. हालांकि इसमें भारत को निराश होने की जरूरत नहीं है,क्योंकि इस सूचकांक में काफी कम देशों को शामिल किया गया है. भारत उनमें से एक है.
विश्व प्रेस फ्रीडम इंडेक्स- इसमें भारत की वर्तमान रैंक 150वीं हैं. जो कि निराशाजनक स्थिति की ओर इशारा करती है. ध्यान रहे किसी भी देश का मीडिया उस देश के लोकतंत्र की रीढ़ होता है.
करप्शन परसेप्शन इंडेक्स- भारत की रैंक 85वीं.यह भी भ्रष्टाचार की खराब स्थिति को दर्शाता है. भारत में भ्रष्टाचार को लेकर व्यापक स्तर पर कदम उठाने की जरूरत है.
ग्लोबल क्लाइमेट रिस्क इंडेक्स- भारत की रैंक 7वीं है. यह सूचकांक दुनियां के जलवायु परिवर्तन से प्रभावित होने वाले शीर्ष देशों को दर्शाता है. जिसमें भारत की स्थिति भी चिंताजनक है.
ग्लोबल फूड सिक्योरिटी इंडेक्स- भारत की रैंक 71वीं. इसमें अभी सुधार की जरूरत है. सरकार की ओरे से इसके लिए जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं.