Pakistan Youm-e-Azadi: भारत और पाकिस्तान को ब्रिटिश हुकूमत से आजाद हुए 76 साल हो चुके हैं. दोनों देश इस बार 77वां स्वतंत्रता दिवस मना रहे हैं. पाकिस्तान में स्वतंत्रता दिवस को 'यौम-ए-आजादी' कहा जाता है. 


15 अगस्त 1947 को भारत और पाकिस्तान एक साथ ब्रिटिश शासन से आजाद हुए थे. एक साथ आजाद होने के बावजूद पाकिस्तान में यौम-ए-आजादी भारत से एक दिन पहले यानी 14 अगस्त को क्यों मनाया जाता है, यह सवाल अक्सर उठता है, आइये इस बारे में जानते हैं.


पाकिस्तान की स्वतंत्रता के बारे में तथ्य क्या कहते हैं?


बीबीसी की एक रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान की आजादी के 11 महीने बाद (9 जुलाई, 1948) जारी हुए डाक टिकट में स्वतंत्रता दिवस के रूप में 15 अगस्त 1947 की तारीख दर्ज हुई थी. रिपोर्ट बताती है कि ब्रिटिश संसद की ओर से पारित इंडियन इंडिपेंडेंस एक्ट 1947 में कहा गया कि 15 अगस्त 1947 को ब्रिटिश इंडिया में दो आजाद देश बनाए जाएंगे, जिन्हें भारत और पाकिस्तान के नाम से जाना जाएगा.


15 अगस्त 1947 को जीरो आवर में (आधी रात 12 बजे) भारत और पाकिस्तान को स्वतंत्र करने का ऐलान ब्रिटिश सरकार ने किया था. इससे वायसराय लॉर्ड माउंटबेटन के लिए मुश्किल खड़ी हो गई थी, क्योंकि उन्हें 14-15 अगस्त की दरमियानी आधी रात को भारत की आजादी का ऐलान करना था और चुनी हुई सरकार को सत्ता सौंपकर स्वतंत्र भारत के पहले गवर्नर जनरल का पद ग्रहण करना था. 


भारत-पाकिस्तान को एक समय पर स्वतंत्र घोषित करने का ऐसे निकाला गया था हल


समस्या का हल ऐसे निकाला गया कि माउंटबेटन ने 13 अगस्त 1947 को करांची पहुंचकर 14 अगस्त 1947 की सुबह पाकिस्तान की संविधान सभा को संबोधित करते हुए सत्ता हस्तांतरण किया और कहा कि 14-15 अगस्त 1947 की आधी रात को 12 बजे पाकिस्तान एक आजाद मुल्क बन जाएगा. 14 अगस्त 1947 को दोपहर 2 बजे माउंटबेटन दिल्ली के लिए रवाना हुए थे. 


रिपोर्ट के मुताबिक, 15 अगस्त 1947 को पाकिस्तान का पहला राजपत्र जारी हुआ था, जिसमें पाकिस्तान के गवर्नर जनरल के रूप में मोहम्मद अली जिन्ना की नियुक्ति हुई. उसी दिन उन्होंने पद संभाला था. वहीं, 19 दिसंबर 1947 पाकिस्तान के गृह विभाग की ओर से जारी की गई 1948 की छुट्टियों की लिस्ट में पाकिस्तान दिवस के रूप में 15 अगस्त की तारीख दर्ज की गई थी. इन तथ्यों से भी स्पष्ट होता है कि पाकिस्तान 15 अगस्त 1947 को स्वतंत्र हुआ था.


भारत से एक दिन पहले क्यों मनाया जाता है पाकिस्तान में यौम-ए-आजादी?


रिपोर्ट में इस्लामाबाद कैबिनेट डिवीजन के नेशनल डॉक्यूमेंटेशन सेंटर में मौजूद दस्तावेजों के हवाले से बताया गया कि  29 जून, 1948 को कराची में पाकिस्तान के तत्कालीन प्रधानमंत्री नवाबजादा लियाकत अली खान की अगुवाई में कैबिनेट की एक बैठक हुई थी, जिसमें फैसला किया गया था कि पाकिस्तान का पहला स्वतंत्रता दिवस समारोह 15 अगस्त के बजाय 14 अगस्त 1948 को मनाया जाए, लेकिन इस पर अंतिम फैसला गवर्नर जनरल मोहम्मद अली जिन्ना का होगा. 


14 अगस्त को पाकिस्तान का स्वतंत्रता दिवस मनाने का सुझाव सबसे पहले किस नेता ने दिया था और इसके लिए क्या तर्क दिया गया था, इसका जिक्र दस्तावेजों में नहीं है, लेकिन जिन्ना ने प्रस्ताव को मंजूरी दे दी थी. 


जिन्ना की मंजूरी वाले कैबिनेट के फैसले से मनाया जाने लगा यौम-ए-आजादी


जिन्ना की मंजूरी वाले कैबिनेट के फैसले को ही बाद में लागू कर दिया गया और 14 अगस्त 1948 को पाकिस्तान का पहला स्वतंत्रता दिवस समारोह मनाया गया. उसके बाद यह परंपरा बदली नहीं है और हर वर्ष इसी तारीख को पाकिस्तान अपना यौम-ए-आजादी मनाता आ रहा है, लेकिन उपलब्ध साक्ष्य और प्रमाणों के आधार पर पाकिस्तान का वास्तविक स्वतंत्रता दिवस 15 अगस्त है. 15 अगस्त 1947 को अलविदा जुमा था और इस्लामी तारीख 27 रमजान 1366 हिजरी थी. 


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