Independence Day 2024: 2 या 565... 15 अगस्त 1947 को कितने 'मुल्क' हुए थे आजाद? गांधी-नेहरू और पटेल को खूब सताती थी ये बात
Independence Day 2024: महात्मा गांधी, जवाहर लाल नेहरू और सरदार पटेल भारत की आजादी के समय कई चुनौतियों का भी सामना कर रहे थे. हिंसा के साथ ही रियासतों को एक रखना भी चिंता की बड़ी वजह बन गया था.
Independence Day 2024: पहले अंग्रेज जून, 1948 तक भारत छोड़कर जाने वाले थे, लेकिन उससे पहले ही मांउटबेटन ने ये घोषणा कर दी थी कि महज 72 दिनों में बंटवारा भी होगा और आजादी भी मिल जाएगी. आजादी का देर या सवेर आना तो तय था लेकिन 15 अगस्त, 1947 को आजादी की घोषणा मिलने के साथ ही एक बड़ा सवाल उठ खड़ा हुआ. इस सवाल का जवाब ढूंढे बगैर आजादी बेमानी थी.
सवाल ये था कि आखिर कितने मुल्क आजाद हो रहे थे, दो या फिर 565? 15 अगस्त, 1947 को दो देश (भारत और पाकिस्तान) आजाद हुए. देश की आजादी से कुछ ही दिन पहले महात्मा गांधी, जवाहर लाल नेहरू और सरदार पटेल के सामने दो समस्याएं खड़ीं थीं. पहली कि सांप्रदायिक हिंसा को कैसे रोका जाए और दूसरी भारत के खूबसूरत चेहरे को बिगड़ने से कैसे रोका जाए?
सता रही थी ये फिक्र
महात्मा गांधी, जवाहर लाल नेहरू और सरदार पटेल के सामने दूसरी फिक्र की वजह थी 'लैप्स ऑफ पैरामाउंटसी.' दरअसल, ब्रिटिश इंडिया में छोटे, मंझोले और बड़े सब मिलाकर करीब 565 रियासतें थीं. इन रियासतों पर अंग्रेजों का परोक्षा शासन था. इन राजाओं की अपनी फौज, पुलिस, कानून और यहां तक कि कुछ की अपनी मुद्रा भी होती थी.
'लैप्स ऑफ पैरामाउंटसी' क्या है?
इन रजवाड़ों ने ब्रिटेन की राजगद्दी की गुलामी कबूल कर ली थी, जिसे 'पैरामाउंटसी' कहते थे. अब जब अंग्रेज जा रहे थे तो उन्होंने कहा कि पैरामाउंटसी भी खत्म हो जाएगी और सभी रजवाड़े अपना भविष्य खुद तय करने के लिए पूरी तरह से स्वतंत्र होंगे.
राजस्थान में सिरोही रियासत हुआ करती थी. सिरोही रियासत के उत्तराधिकारी रहे रघुवीर सिंह ने मीडिया से बातचीत के दौरान 1947 के घटनाक्रम का जिक्र किया. उन्होंने कहा, 'एक बात की मैं तारीफ करता हूं. हालांकि, वो विदेशी थे लेकिन जब ब्रिटिश पार्लियामेंट ने 'इंडियन इंडिपेंडेंस एक्ट' पास किया, उस समय कहा गया कि भारतीय राज्यों के साथ हमारे संधि अधिकार समाप्त हो गए हैं और जो इनकी परिस्थिति हमारे साथ संधि करने से पहले थी, वहां वो वापस पहुंचते हैं.