Independence Day 2024 Special: भारत की आजादी की तारीख मुकर्रर होते ही उम्मीद की जा रही थी कि भारत के क्षेत्र में आने वाली सभी रियासतें अपना विलय भारत में कर देंगी, ताकि भारत मजबूत हो सके. मगर, जोधपुर के महाराजा हनवंत सिंह के दिमाग में कुछ और ही चल रहा था. वो अपने आस-पास के राजाओं के साथ मिलकर अंदर ही अंदर पाकिस्तान में शामिल होने की तैयारी कर रहे थे. इस राजा ने आजाद भारत के गृह सचिव वीपी मेनन के सिर पर बंदूक तान दी और कहा कि मैं तुम्हें कुत्ते की मौत मार दूंगा.


ABP न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक, जोधपुर के दीवान की सूचना मिलते ही वीपी मेनन एक्टिव हो गए थे. सरकार को सूचित करते हुए उन्होंने जोधपुर के महाराजा हनवंत सिंह पर दबाव बनना शुरु कर दिया था. मगर, एक दौर ऐसा आया जब हनवंत सिंह ने अपना आपा खो दिया था. वो मेनन के दखल से इतना नाराज हो गए थे कि उन्होंने उनके ऊपर बंदूक तान थी. मेनन ने इस हालात को समझदारी से डील किया था, जिसके बाद हनवंत को माउंटबेटन से बातचीत के लिए राजी किया.


माउंटबेटन ने महाराजा हनुमंत सिंह को दी थी चेतावनी 


इस घटना के बाद लार्ड माउंटबेटन ने हनवंत से बात कर उसे समझाया कि धर्म के आधार पर बंटे देश में हिंदू बहुल रियासत को पाकिस्तान में शामिल कराना बिल्कुल भी ठीक नहीं रहेगा. इससे लोगों की सांप्रदायिक भावनाएं भड़क सकती हैं. ऐसे में अगर, कुछ अनहोनी हुई तो इसके लिए हनवंत सिंह खुद जिम्मेदार होंगे.


आजादी से 4 दिन पहले विलय के लिए कैसे तैयार हुआ हनुमंत सिंह?


इतिहासकार बताते हैं कि, लार्ड माउंटबेटन की चेतावनी के बाद भी हनवंत सिंह के तेवर नहीं बदले थे. वो अपनी मांगों के लेकर अड़े हुए थे. जिसके बाद 10 अगस्त, 1947 को हनुमंत सिंह दिल्ली पहुंचे तो सरदार पटेल ने उन्हें चेतावनी देते हुए कहा था कि अगर आपको स्वतंत्र रहना है तो रहो लेकिन, जनता के विद्रोह करने पर भारत सरकार कोई मदद नहीं करेगी. इसके बाद आखिरकार 11 अगस्त यानि कि आजादी से 4 दिन पहले महाराजा हनवंत सिंह ने इस्ट्रूमेंट ऑफ एक्सेशन पर दस्तखत कर ही दिया.


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