किसी भारतीय ने नहीं, बल्कि फिरंगी ने तय की थी स्वतंत्रता दिवस की तारीख; जानें कैसे हुआ था फैसला
Independence Day 2024: चार जून, 1947 को माउंटबेटन ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके अंग्रेजों के पहले प्लान को उलट दिया था. उन्होंने कहा था कि 15 अगस्त, 1947 को भारत को आजादी मिलेगी.
Independence Day 2024: भारत को अंग्रेजों से आजादी तो मिली, लेकिन इसकी घोषणा ने सभी को चौंका दिया. तब के वायसरॉय माउंट माउंटबेटन ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके इसकी तारीख की घोषणा की. इस घोषणा के साथ ही बंटवारे की बात भी कही गई.
भारत को बांटकर दो मुल्क बनाने की योजना को 'माउंटबेटन प्लान' कहा जाता है. इस 'माउंटबेटन प्लान' से ऐसे कई लोग परेशान होने वाले थे जो भारत को बिखरते और भारत को बंटते हुए नहीं देख सकते थे, लेकिन इस ऐलान के एक दिन बाद ही इस कहानी में एक बहुत बड़ा मोड़ आया.
प्रेस कॉन्फ्रेंस की मॉक ड्रिल करते रहे माउंटबेटन
चार जून, 1947 को तब की लेजिस्लेटिव असेंबली और आज के संसद भवन मे माउंटबेटन ने प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाई थी. ये प्रेस कॉन्फ्रेंस कितनी अहम होने वाली थी, इस बात का अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि माउंटबेटन तीन जून की देर रात तक प्रेस कॉन्फ्रेंस की मॉक ड्रिल करते रहे थे.
प्रेस कॉन्फ्रेंस में क्या घोषणा की?
दुनियाभर से 300 पत्रकार माउंटबेटन से भारत के भविष्य के बारे में सवाल करने के लिए इकट्ठा हुए थे. इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में माउंटबेटन ने भारत की आजादी की तारीख की घोषणा की. ये बात चौंकाने वाली इसलिए थी, क्योंकि पहले अंग्रेज जून 1948 तक भारत छोड़कर जाने वाले थे और अब माउंटबेटन ने ये घोषणा कर दी थी कि महज 72 दिनों में बंटवारा भी होगा और आजाद भी मिल जाएगी.
इस घोषणा से महात्मा गांधी, जवाहर लाल नेहरू और सरदार पटेल के सामने हिंसा और रियासतों को लेकर चिंता होने लगी. बता दें कि कुछ रियासतों के नवाबों ने भारत के साथ एकीकरण न करने की बात कही थी. महात्मा गांधी, जवाहर लाल नेहरू और सरदार पटेल को चिंता सता रही थी कि भारत के खूबसूरत चेहरे को बिगड़ने से कैसे रोका जाए?