Independence Day 2024: 15 अगस्त यानी आज भारत अपना 78वां स्वतंत्रता दिवस मना रहा है. इसी बीच कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने जनता को स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएं दी है.


इस दौरान उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा, 'मेरे प्यारे देशवासियों, आप सभी को स्वतंत्रता दिवस की ढेरों शुभकामनाएं. हम अपने लाखों महान स्वतंत्रता सेनानियों के बलिदान को याद करते हुए उन्हें सादर नमन करते हैं. लोकतंत्र और संविधान ही हमारे 140 करोड़ भारतीयों का सबसे बड़ा रक्षा कवच है. आख़िरी दम तक हम इसकी हिफाजत करेंगे.'


केंद्र पर साधा निशाना


उन्होंने केंद्र पर निशाना साधते हुए आगे लिखा, 'विपक्ष लोकतंत्र का ऑक्सीजन जैसा है. सरकार के असंवैधानिक रवैये को रोकने के साथ वह जनता की बात उठाता है. यह चिंता की बात है कि संवैधानिक संस्थाओं को सरकार ने कठपुतली बना दिया है. हमारे स्वतंत्रता सेनानियों का सपना था कि अनेकता में एकता बनी रहे. लेकिन कुछ ताकतें देश पर अपने विचार जबरदस्ती थोप कर हमारे भाईचारे को समाप्त करने में लगी हैं. इसलिए जरूरी है कि हम सभी संविधान में दिए गए अभिव्यक्ति, जीवन, खान-पान, पहनावे, पूजा-पद्धति और किसी भी हिस्से में आने-जाने की आज़ादी के प्रति सजग रहें. मैं कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष के नाते तमाम देशवासियों को यक़ीन दिलाना चाहता हूं कि हम बेरोज़गारी, मंहगाई, गरीबी, भ्रष्टाचार और गैर-बराबरी के खिलाफ लड़ते रहेंगे. संविधान की रक्षा के लिए हर कुर्बानी देने को तैयार रहें। यही हमारे पूर्वजों को सच्ची श्रद्धांजलि होगी.'


केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान और  जी. किशन रेड्डी ने भी दी शुभकामनाएं


केंद्रीय मंत्री जी. किशन रेड्डी ने कहा, "भारत के 78वें स्वतंत्रता दिवस पर मैं सभी लोगों को हृदय से शुभकामनाएं देना चाहता हूं. भारत एक शक्तिशाली भारत बनना चाहिए. पीएम मोदी का सपना है कि 2047 तक देश विकसित बनना चाहिए. इसके लिए इस देश के 140 करोड़ लोगों को आगे आना चाहिए. मेरा पूरा विश्वास है कि आने वाले पांच सालों में पीएम मोदी के नेतृत्व में भारत एक विकसित देश की दिशा में आगे बढ़ेगा."


केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा, "सभी देशवासियों को स्वतंत्रता दिवस की बहुत बधाई. अंग्रेजों ने हमें आजादी कोई चांदी की तस्तरी में रखकर भेंट नहीं की. हजारों क्रांतिकारी हंसते-हंसते फांसी के फंदों पर चढ़ गए थे. आज उन सभी क्रांतिकारियों, वीरों, शहीदों और स्वतंतत्रता संग्राम सेनानियों को हमारा प्रणाम. अब देश के लिए जीने की जरूरत है. आइए हम संकल्प लें कि विकसित भारत के निर्माण में हम जो भी काम कर रहे हैं उसे पूरी प्रमाणिकता और ईमानदारी के साथ करें."