नई दिल्ली: अब से कुछ घंटों बाद भारत आजादी की 75वीं वर्षगांठ बनाएगा. लाल किला की प्राचीर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तिरंगा फहराएंगे. इस जश्न-ए-आजादी में कोई भी खलल न डाल सके, इसलिए पूरी दिल्ली को छावनी में तब्दील कर दिया गया है. लाल किले के आसपास खास तैयारी की गई है. लाल किला के आसपास सुरक्षा का इतना सख्त पहरा लगाया गया है की परिंदा भी पर न मार सके.


लाल किले चारों ओर 9 एंटी ड्रोन रडार तैयार किए गए हैं. फेस रिकॉग्निशन वाले 300 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं ताकि हर चहरे का ब्यौरा रखा जा सके. लाल किले के मुख्य द्वार के बाहर बड़े-बड़े कंटेनर लगाए हैं, इससे लाल किले को सामने से नहीं देखा सा सकेगा. करीब 15 से 20 कंटेनरों का इस्तेमाल किया गया है. सिर्फ लाल किला की सुरक्षा में 5000 जवानों की तैनाती की गई है. इसके अलावा पूरी दिल्ली में 40 हजार से ज्यादा सुरक्षाकर्मी तैनात हैं. अहतियात के तौर पर दिल्ली की सभी सीमाओं को या तो बंद कर दिया गया है या सुरक्षा कड़ी कर दी गई है. हर वाहन पर पैनी नजर रखी जा रही है.




सुरक्षा में कोई कमी न रहे जाए, इसलिए दिल्ली पुलिस के अलावा अर्धसैनिक बल, NSG कमांडो और SPG के जवान भी तैनात रहेंगे. ऊंची इमारतों पर स्नाइपर्स तैनात किए गए हैं. इसके अलावा सरकारी इमारतों में भी सुरक्षा बढ़ाई गई है.


खालिस्तानी आतंकियों का खतरा
15 अगस्त को लेकर सुरक्षा एजेंसियों ने पहले ही अलर्ट जारी किया हुआ है. किसानों के आंदोलन और खालिस्तानी आतंकियों की धमके के मद्देनजर दिल्ली पुलिस ने ये कदम उठाना पड़ा है. दिल्ली पुलिस ने लाल किले के आसपास आतंकवादियों के पोस्टर भी चिपकाए हैं. पोस्टर में छह आतंकियों की फोटो लगाकर उनका नाम, पता भी लिखा हुआ है.


इस साल कृषि कानून के खिलाफ बॉर्डर पर बैठे किसान पुलिस के लिए एक बड़ी चुनौती है. इससे पहले 26 जनवरी को किसान आंदोलन के दौरान जमकर हिंसा फैली थी. जिसके कारण इस बार हर संभव कोशिश की जा रही है की किसी तरह कोई लापरवाही न बरती जाए. हालांकि 15 अगस्त के मौके पर दिल्ली हमेशा हाई अलर्ट पर रहती है.


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