R K Laxman: किसी भी देश के लोकतंत्र को मजबूत बनाने में वहां की सरकार और लोगों के अलावा पत्रकारों सहित उन सभी लोगों का भी बहुत बड़ा योगदान होता है जो आम लोगों की समस्याओं को अलग-अलग तरीकों से उठाते हैं.
कार्टून बनाकर लोगों की समस्याओं का चित्रण करना ऐसी ही एक खास कला है. जिसके माहिर थे मशहूर कार्टूनिस्ट आरके लक्ष्मण. जिन्होंने अपनी कार्टून श्रंखलाओं के माध्यम से आम लोगों के दर्द को दर्शाया. अपने इस आर्टिकल में हम उनके योगदान के बारे में आपको बताएंगे-
आरके लक्ष्मण के बारे में-
आरके लक्ष्मण का जन्म 24 अक्टूबर 1921 को मैसूर में हुआ था. वह हास्य लेखन और व्यंग चित्रकारी के लिए मशहूर थे. उनके बनाए कार्टून चित्रों में आम लोगों की समस्याओं को प्रमुखता से उठाया जाता था. हालांकि उन्हें राजनीति पर व्यंग करते कार्टून बनाने में भी महारत हासिल थी.
कार्टूनिस्ट के तौर पर कैरियर-
उन्होंने कई स्थानीय समाचार पत्रों और अलग-अलग पत्रिकाओं में कार्टूनिस्ट के तौर पर अपने कैरियर की शुरूआत की थी. मुंबई में द फ्री प्रेस जर्नल में पहली बार उन्होंने पूर्णकालिक तौर पर काम शुरू किया. उसके बाद वह मुंबई में 'द टाइम्स ऑफ इंडिया' के साथ जुड़ गए और वहां लगभग 50 वर्षों तक काम किया.
उल्लेखनीय कार्य-
उनके द्वारा बतौर कार्टूननिस्ट विभिन्न उल्लेखनीय काम किए गए. खासकर 'द कॉमन मैन' कार्टून चरित्र को बहुत लोकप्रियता मिली. इसमें उनके द्वारा आम लोगों की समस्याओं को व्यंग्यात्मक तरीके से उभारा गया था.
सम्मान-
एक कार्टूनिस्ट के तौर पर लोगों की समस्याओं और आम जनमानस की पीड़ा को उभारकर सत्ता से सवाल पूछते उनके व्यंगात्मक चित्रों को बेहद महत्वपूर्ण कार्य के तौर पर चिन्हित किया जाता है. उनके कार्यों को देखते हुए भारत सरकार ने उन्हें 1973 में 'पद्म भूषण' और 2005 में 'पद्मविभूषण' सम्मान से नवाजा. यही नहीं उनके कार्यों को वैश्विक स्तर पर भी सराहा गया और उन्हें 1984 में एशिया का नोबेल कहे जाने वाला 'रेमन मैग्सेस ' पुरस्कार भी दिया गया.
महान कार्टूनिस्ट आरके लक्ष्मण का 26 जनवरी 2015 को 94 वर्ष की उम्र में निधन हो गया. पुणे में ही उन्हें समर्पित एक आर्ट गैलरी बनाई गई है जिसमें आरके लक्ष्मण द्वारा बनाए गए कार्टून चित्रों को रखा गया है.