National Flag Dispose Rules: देश भर में 76वें स्वतंत्रता दिवस (Independence Day) के अवसर पर जश्न मनाया गया. स्वतंत्रता दिवस से दो दिन पहले पीएम मोदी (PM Modi) ने हर घर तिरंगा (Har Ghar Tiranga) अभियान शुरू किया था. पीएम ने सभी देशवासियों से अपने घरों पर तिरंगा लगाने का आग्रह किया था. देश की जनता ने भी इस पहल में बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया और अपने घरों पर तिरंगा लगाया. ऐसे में कई जगहों पर तिरंगा (Tiranga) क्षतिग्रस्त भी हुआ होगा.
कई जगह कागज के बने झंडे भी फट गए होंगे. ऐसी स्थिति में ये जानना जरूरी है कि क्षतिग्रस्त हुए तिरंगे के साथ क्या करना है. ऐसी परिस्थिति के लिए भारतीय ध्वज संहिता में खास तौर पर सुझाव दिए गए हैं. सबसे पहले तो भारतीय ध्वज संहिता कहती है कि राष्ट्रीय ध्वज को किसी भी तरह से क्षतिग्रस्त नहीं किया जाना चाहिए.
तिरंगा क्षतिग्रस्त होने पर क्या करें?
हालांकि अगर राष्ट्रीय ध्वज क्षतिग्रस्त हो जाए तो उसे इस तरीके से डिस्पोज किया जाना चाहिए कि उसकी गरिमा को बिल्कुल भी ठेस ना पहुंचे. नियमों में साफ कहा गया है कि कटे-फटे, दागदार झंडे न फहराएं. साथ ही क्षतिग्रस्त हुए झंडे को सड़कों पर या कचरे में ना फेंकें. ध्वज संहिता का सुझाव है कि क्षतिग्रस्त हुए ध्वज को जलाकर पूरी तरह से व्यक्तिगत रूप से डिस्पोज कर दें. अगर तिरंगा कागज से बना है तो ये सुनिश्चित करें कि इसे जमीन पर नहीं छोड़ा गया हो.
राष्ट्रीय ध्वज की गरिमा का रखें पूरा ध्यान
क्षतिग्रस्त होने पर राष्ट्रीय ध्वज की गरिमा का पूरा ध्यान रखते हुए पूरी गोपनीयता के साथ इसे डिस्पोज किया जाना चाहिए. कागज के बने झंडे को पवित्र नदी के तेज बहाव वाले पानी में भी समर्पित किया जा सकता है. भारतीय ध्वज संहिता के अनुसार तिरंगा (Tiranga) फहराने वाला शख्स ये भी सुनिश्चित करे है कि तिरंगा उल्टा ना फहराया जाए. ध्वज का केसरिया भाग हमेशा ऊपर रहना चाहिए. नए नियमों के अनुसार अब देश में तिरंगा दिन-रात फहराया जा सकता है. पहले केवल सूर्योदय के बाद ही राष्ट्रीय ध्वज फहराया जाता था, लेकिन अब ये नियम खत्म कर दिया गया है.
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