भारत ने यूक्रेन पर संयुक्त राष्ट्र महासभा के आपातकालीन विशेष सत्र के प्रस्ताव में आज मतदान से परहेज किया. हालांकि भारत ने यूक्रेन-रूस के बीच छिड़ी जंग के थमने की वकालत जरूर की. भारत ने बयान जारी कर कहा है कि मतभेदों को बातचीत और कूटनीति से ही सुलझाया जा सकता है.


यूएन में भारत ने कहा कि यूक्रेन के बिगड़ते हालात के चलते भारत चिंतित है. खारकीव में भारतीय छात्र की मौत हुई, परिवार के लिए शोक व्यक्त किया गया. भारत ने UNGA में यूक्रेन में भारतीय नागरिकों की सुरक्षा का मुद्दा उठाया. भारत ने कहा कि सभी भारतीय छात्रों को सुरक्षित और बिना रुकावट सेफ पैसेज मिले. भारत ने खारकीव और अन्य हिंसाग्रस्त इलाकों से निकासी की मांग की. यूएनजीए में भारत की तरफ से कहा गया कि यह हमारी प्राथमिकता है. यूक्रेन के सभी पड़ोसी देशों का उनके सहयोग के लिए शुक्रिया.


भारत ने कहा कि हम अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के सीजफायर के आव्हान का समर्थन करते हैं. बातचीत और कूटनीति से ही मसलों का हल निकलेगा. पीएम मोदी ने रूस और यूक्रेन के राष्ट्रपतियों के सामने भी इस संबंध में बात की है. संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) ने यूक्रेन के खिलाफ रूस के हमले की कड़ी निंदा करने वाला प्रस्ताव पारित किया. संयुक्त राष्ट्र महासभा में बुधवार को दोपहर को मतदान किया गया. संयुक्त राष्ट्र महासभा में रूस के खिलाफ प्रस्ताव को बहुमत से पारित कर दिया गया. विशेष इमरजेंसी बैठक के बाद प्रस्ताव पारित कर दिया गया. प्रस्ताव पारित कर संयुक्त राष्ट्र महासभा ने रूस से यूक्रेन से हटने की 'मांग' की.


141 देशों ने इस वोटिंग के दौरान रूस के खिलाफ मतदान किया, जबकि 5 देशों ने रूस का साथ दिया. वहीं भारत समेत 35 देशों ने वोटिंग में हिस्सा नहीं लिया. यूरोप के आर्थिक रूप से समृद्ध देशों से लेकर छोटे प्रशांत द्वीप देश तक कई देशों ने यूक्रेन पर रूस के हमले की निंदा की है. संयुक्त राष्ट्र महासभा के आपातकालीन सत्र में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के कुछ समर्थक भी थे.


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