2022 की शुरुआत में बनकर तैयार हो जाएगा भारत का स्वदेशी एयरक्राफ्ट कैरियर INS विक्रांत
आईएनएस विक्रांत का अगले कुछ महीनों में समुद्री ट्रायल शुरू होने जा रहा है. रक्षामंत्री राजनाथ सिंह को इस बारे में कोच्चि शिपयार्ड और भारतीय नौसेना के उच्च अधिकारियों ने जानकारी दी. रक्षामंत्री ने स्वदेशी विमान वाहक युद्धपोत विक्रांत के निर्माण कार्य का जायजा लिया.
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नई दिल्ली: भारत का स्वदेशी एयरक्राफ्ट कैरियर, आईएनएस विक्रांत वर्ष 2022 के शुरूआत में बनकर तैयार हो जाएगा. अगले कुछ महीनों में विक्रांत के समुद्री-ट्रायल शुरू होने जा रहे हैं. कोच्चि शिपयार्ड और भारतीय नौसेना के उच्च अधिकारियों ने इस बावत शुक्रवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को विस्तृत जानकारी दी.
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने दो दिवसीय दौरे के दौरान शुक्रवार को नौसेना की कोच्चि स्थित दक्षिणी कमान और कोच्चि शिपयार्ड का दौरा कर स्वदेशी विमान वाहक युद्धपोत विक्रांत के निमार्ण-कार्य का जायजा लिया. इस दौरान उनके साथ नौसेना प्रमुख एडमिरल करमबीर सिंह और दक्षिणी कमान के कमांडर, वाइस एडमिरल ए के चावला भी मौजूद थे.
आईएनएस विक्रांत पूरी तरह से तैयार होने पर नौसेना का समंदर में सबसे घातक हथियार साबित हो जाएगा. विक्रांत पर मिग-29के फाइटर जेट्स, कामोव हेलीकॉप्टर, एंटी सबमरीन हेलीकॉप्टर, एमएच-60आर और स्वदेशी एडवांस लाइट हेलीकॉप्टर तैनात रहेंगे.
आईएनएस विक्रांत लंबी दूरी की एयर पावर प्रोजेक्शेन करने की क्षमता के साथ एक अतुलनीय सैन्य उपकरण पेश करेगा, जिसमें एयर इंटरडिक्शन, एंटी-सरफेस वारफेयर, आक्रामक और रक्षात्मक काउंटर-एयर, एयरबोर्न एंटी-सबमरीन वारफेयर और एयरबोर्न अर्ली वार्निंग शामिल हैं.
कोच्चि में नौसैनिकों को संबोधित करते हुए रक्षा मंत्री ने कहा कि पिछले साल एलएसी पर चीन के साथ गलवान घाटी की हिंसा के दौरान भारतीय नौसेना ने प्रो-एक्टिव फॉरवर्ड डेप्लोयमेंट कर साफ संकेत दे दिया था कि भारत शांति तो चाहता है लेकिन किसी भी चुनौती का सामना करने के लिए तैयार है.
रक्षा मंत्री ने एक बार दोहराया कि निकट भविष्य में भारतीय नौसेना दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी नौसेना बन जाएगी. फिलहाल, भारतीय नौसेना के जो 42 युद्धपोत अलग-अलग शिपयार्ड में बन रहे हैं, उनमें से 40 भारत में ही तैयार हो रहे हैं. भारत के पास फिलहाल एक एयरक्राफ्ट कैरियर, आईएनएस विक्रमादित्य है जिसे वर्ष 2013 में रूस से लिया गया था. चीन के पास भी फिलहाल एक एयरक्राफ्ट कैरियर है, लेकिन चीन के दो स्वदेशी विमान वाहक युद्घपोतौं का बेहद तेजी से निर्माण-कार्य चल रहा है.
रक्षा मंत्री दो दिन के कारवार (कर्नाटक) और केरल के दौरे पर हैं. गुरूवार को उन्होनें गोवा के करीब कारवार में भारतीय नौसेना के प्रोजेक्ट शिपबर्ड की समीक्षा की थी. इसके पूरा होने पर कारवार एशिया का सबसे बड़ा नेवल बेस बन जाएगा. राजनाथ सिंह का आज शाम तक दिल्ली लौटने का कार्यक्रम है.
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