Lok Sabha Elections 2024: CM केजरीवाल की गिरफ्तारी पर I.N.D.I.A. एक, 31 मार्च को दिल्ली में महारैली; कांग्रेस बोली- हम हैं साथ
Lok Sabha Elections 2024: विपक्ष इस बड़े कार्यक्रम के जरिए भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार के खिलाफ शक्ति प्रदर्शन करना चाहेगा.
Lok Sabha Elections 2024: लोकसभा चुनाव 2024 से पहले दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी को लेकर विपक्षी गठजोड़ इंडिया एकजुट हो गया है. 31 मार्च, 2024 (रविवार) को इंडिया गठबंधन के नेताओं की ओर से राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के रामलीला मैदान में महारैली की जाएगी. विपक्ष इस बड़े कार्यक्रम के जरिए भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार के खिलाफ शक्ति प्रदर्शन करना चाहेगा.
दिल्ली में रविवार (24 मार्च, 2024) को इंडिया नेताओं की प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान दिल्ली के मंत्री गोपाल राय ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तानाशाही कर रहे हैं. यही वजह है कि वे लोग 31 मार्च की सुबह 10 बजे रामलीला मैदान में महारैली का आयोजन करेंगे. जो लोग संविधान से प्यार करते हैं, उनको इस बात से नफरत है. देश के पीएम केंद्रीय एजेंसियों का गलत इस्तेमाल कर रहे हैं. मौजूदा समय में समूचे विपक्ष को खत्म करने और खरीदने की कोशिश हो रही है.
Important Press Conference by INDIA Alliance leaders on Delhi CM @ArvindKejriwal arrest | LIVE https://t.co/k1eu9dsqAa
— AAP (@AamAadmiParty) March 24, 2024
AAP नेता गोपाल राय ने जताई आशंका- ये लोग कुछ भी कर सकते हैं
गोपाल राय ने आगे दावा किया कि इंडिया गठबंधन के नेताओं पर फर्जी मुकदमा लगाया जा रहा है. आप के कार्यलय को पुलिस छावनी में तबदील कर दिया गया है और उनके पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ अपराधी जैसा व्यवहार किया जा रहा है. कांग्रेस पार्टी का खाता भी सील कर दिया गया और वह इसी वजह से प्रचार नहीं कर पा रही है. आज जब दिल्ली के मुख्यमंत्री को गिरफ्तार किया जा सकता है तब ये लोग कुछ भी कर सकते हैं.
रामलीला मैदान में I.N.D.I.A. की महारैली राजनीतिक नहीं- अरविंदर सिंह लवली
प्रेस कॉन्फ्रेंस में कांग्रेस की दिल्ली इकाई के प्रमुख अरविंदर सिंह लवली ने बताया कि विपक्ष को समान मौके नहीं दिए जा रहे हैं. कांग्रेस के खातों पर रोक हैं. मुख्यमंत्रियों को गिरफ्तार किया जा रहा है. यही वजह है कि 31 मार्च की महारैली राजनीतिक नहीं बल्कि देश के लोकतंत्र को बचाने और केंद्र के खिलाफ आवाज़ बुलंद करने का आह्वान है.
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